इस्पात विनिर्माताओं को निर्यात शुल्क कुछ समय बाद वापस लिए जाने की उम्मीद

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 07, 2022

नयी दिल्ली। इस्पात के शीर्ष उत्पादकों का मानना है कि कुछ इस्पातउत्पादों पर निर्यात शुल्क लगाने का निर्णय मुद्रास्फीति पर काबू पाने की खातिर ‘अल्पावधि’ के लिए उठाया गया कदम है और इसकी वजह से इस्पात विनिर्माताओं को अपनी पूंजीगत व्यय योजनाओं पर पुनर्विचार के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने 21 मई को लौह अयस्क के निर्यात पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक और कुछ स्टील मध्यवर्ती वस्तुओं पर 15 प्रतिशत तक कर दिया था।

इसे भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के CM बघेल ने नीति आयोग की बैठक में रखी पांच मांगें, मीटिंग में इन मुद्दों पर चर्चा

सरकार ने इस्पात उद्योग में उपयोग होने वाले कोकिंग कोल और फेरोनिकल समेत कुछ कच्चे माल के आयात पर लगने वाले शुल्क से राहत भी दी ताकि घरेलू इस्पात उद्योग की लागत कम हो और कीमतों में कमी आए। ये कदम घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने, मुद्रास्फीति को कम करने, कोयले के दाम में स्थिरता लाने और ऊंची लागत का सामना कर रहे इस्पात उत्पादकों की परेशानियों को कम करने के लिए उठाए गए। हालांकि इस्पात उद्योग की कंपनियों ने कहा कि इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क से निवेशकों के बीच नकारात्मक संकेत जाएगा और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत क्षमता विस्तार परियोजना प्रभावित होगी। घरेलू इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधि संगठन इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) ने कहा कि भारत के हाथ से निर्यात अवसर फिसल सकते हैं और इस निर्णय से देश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। इस्पात उद्योग पर निर्यात शुल्क के असर के बारे में टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति को काबू में करने की जरूरत और निर्यात शुल्क जैसे कम अवधि के उपायों की जरूरत को समझते हैं। हालांकि इस्पात के दाम कम होने के बाद भी शुल्क को अगर जारी रख जाता है तो यह उद्योग की लाभप्रदता के लिए नुकसानदायक होगा।’’

आर्सेलरमित्तल निप्पन स्टील इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि सरकार ने निर्यात शुल्क कुछ समय के लिए ही लगाया है। जेएसडब्ल्यू स्टील के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने उम्मीद जताई कि मुद्रास्फीति में नरमी आने पर सरकार शुल्क को वापस ले लेगी।

टाटा स्टील के नरेंद्र से पूछा गया कि क्या कंपनी पूंजीगत व्यय और विस्तार योजना पर फिर से विचार करेगी, तो उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि उद्योग इस निर्यात शुल्क की वजह से अपनी पूंजीगत व्यय योजनाओं को नहीं टाले। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल और अगले साल के लिए अपनी पूंजीगत व्यय योजनाओं पर हम कायम हैं। इसके साथ ही हम आशा करते हैं कि निर्यात शुल्क जल्द ही वापस लिया जाएगा।

प्रमुख खबरें

Horoscope 06 December 2025 Aaj Ka Rashifal: सभी 12 राशियों का कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें आज का राशिफल

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई