By अनन्या मिश्रा | Mar 13, 2023
आजकल के दौर में रिश्ते लंबे नहीं चल पाते हैं। जिसके पीछे कई कारण देखने को मिलते हैं। वहीं जब कोई भी व्यक्ति किसी रिश्ते में आता है तो उस रिश्ते से उसकी अपेक्षाएं काफी बढ़ जाती हैं। हर कोई चाहता है कि जिंदगी में कोई ऐसा हो जो उसके मुश्किल समय में उसके साथ खड़ा रहे। जिसके साथ वह अपनी जिंदगी के अच्छे-बुरे अनुभवों को शेयर कर सके। लेकिन आजकल के दौर में जब किसी की लाइफ का मुश्किल फेज होता है तो वह एक-दूसरे का साथ छोड़ देते हैं। वहीं कई बार लोग उम्मीद करते हैं कि उनका पार्टनर जैसा वह चाहते हैं, वैसा बन जाए। जबकि कोई भी किसी के लिए खुद को बदलना पसंद नहीं करता है। लेकिन यह उम्मीद अक्सर हम अपने पार्टनर से जरूर रखते हैं।
ट्रस्ट इश्यू
वहीं कई बार रिश्तों में अविश्वास पैदा होने लगता है। जिसका कारण एक यह भी है कि रिश्ता उतना परिपक्व नहीं पाता है। ऐसे में अगर आप भी अपने रिश्ते को मजबूत और हेल्दी बनाए रखना चाहते हैं तो आपको भी अपने पार्टनर को कंट्रोल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। साथ ही कई बार यह भी जरूरी नहीं होता है कि आपकी सोच आपके पार्टनर से मिले। आइए जानते हैं कि पार्टनर के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए। जिससे कि आपका रिश्ता और मजबूत बन।
मतलब वाला प्यार
मतलब का रिश्ता कोई भी हो वह लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। लेन-देन वाला प्यार हमारे पास तभी आता है जब हम अच्छे होते हैं या फिर जब हम कुछ अच्छा हासिल करते हैं। लेकिन इस तरह के रिश्ते को आगे बढ़ाने से पहले आपका मुश्किल समय इसमें मदद करता है। हमारी जिंदगी में मैच्योर प्यार तब आता है जब हम जागरूक बनते हैं। जब आपमें खुद का सामना करने की अपना स्टैंड लेने की और अच्छे बुरे की परख आती है तो आपके सामने कई चीजें क्लियर होने लगती हैं।
खुलकर बात करना है जरूरी
हर रिश्ता अपने आप में अनोखा होता है। वहीं कुछ लोग कई कारणों के चलते एक साथ रिश्ते में आते हैं। अगर आप बी अपने पार्टनर के साथ एक हेल्दी रिलेशनशिप बनाना चाहते हैं तो आप दोनों को अपने रिश्ते के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। आपके लिए आपका रिश्ता क्या मायने रखता है। आप इस रिश्ते को कहां तक ले जाना चाहते हैं। जब तक आप और आपका पार्टनर पूरी ईमानदारी से इस पर बात नहीं करेंगे तब तक आप रिश्ते को लेकर श्योर नहीं हो सकते हैं। इसलिए पार्टनर के साथ अपने रिश्ते पर गहराई और ईमानदारी से बात करनी चाहिए।
सहमति-असहमति
जब आप किसी के साऱ रिश्ते में आते हैं तो पार्टनर की स्वीकृति आपको मूल्यवान लगती है। वहीं कुछ लोग भावनात्मक रूप से जुड़े बिना ही एक-दूसरे के साथ रहते हैं। ऐसे में आपको एक-दूसरे की कमियों-खामियों को भी स्वीकार करना पड़ता है। कई बार एक ही बात पर आपकी सहमति बनती है तो कई बार नहीं। रिश्ते में भागीदारी और इमोशन आपको एक-दूसरे के करीब लाने और अच्छे से समझने में मदद करते हैं। यह आपके बीच की दूरी को कम करने का काम करता है। लेकिन आपको एक-दूसरे की सहमति और असहमति को रिस्पेक्ट के साथ एक्सेप्ट करना होता है।
बिताएं क्वालिटी टाइम
कई बार कम्युनिकेशन गैप होने के कारण भी रिश्ता कमजोर होने लगता है। ऐसे में आपको इस पर काम करना चाहिए। जब आप किसी रिश्ते में होते हैं तो पार्टनर की जरूरतों, आकाक्षाओं और इच्छाओं को जानने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा एक-दूसरे के साथ बिताया गया समय भी आपके रिश्ते को मजबूत बनाता है। यह आपको कंफर्टेबल करने और आपके बीच में विश्वास बनाए रखने का काम करता है। आप बाहर घूमने, मूवी देखने या फिर कहीं और भी जा सकते हैं।