By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 19, 2024
उच्चतम न्यायालय ने ऐसे आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिशानिर्देश तय करने के मुद्दे की पड़ताल करने का फैसला किया है, जो मूक-बधिक तो हैं, लेकिन बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने के लिए चिकित्सकीय तौर पर सक्षम हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने 16 अप्रैल के अपने आदेश में कहा कि यह उनके ध्यान में लाया गया है कि शीर्ष अदालत ने अब तक ऐसे दिशानिर्देश नहीं बनाए हैं।
यह मुद्दा पीठ के समक्ष उठाया गया, जिसने एक ऐसे व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जो मूक-बधिक है और दो नाबालिग लड़कियों से बलात्कार का दोषी भी है। पीठ ने कहा कि मामले में केंद्र सरकार और प्रतिवादी राज्य (छत्तीसगढ़) को नोटिस जारी किया गया। इसने कहा कि प्रतिवादी 26 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करें।