By अभिनय आकाश | Jul 24, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई के बॉम्बे हाई कोर्ट के एक फैसले पर रोक लगा दी। ये फैसला मुंबई ट्रेन ब्लास्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें सभी 12 आरोपियों को रिहा कर दिया गया था। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अंतरिम रोक लगा दी गई है। 24 जुलाई यानी आज के दिन इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। महाराष्ट्र की एंटी टेररिस्ट स्कॉड (एटीएस) उसकी तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे। उन्होंने इसके पहले भी कई बार सरकार की तरफ से इस फैसले पर रोक लगाई जाए। इससे पहले इस मामले पर सुनवाई हुई थी तो चीफ जस्टिस गवई ने कहा था कि अगर आप चाहेंगे कि हम इस पर रोक लगा दे तो ये रेयरेस्ट ऑफ द रेयर होगा क्योंकि सभी आरोपियों को बरी कर दिया जा चुका है। ऐसे आम तौर पर बरी करने के बाद स्टे नहीं दिया जाता है।
लेकिन आज जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता जस्टिस गवई से कहते हैं कि हम ये नहीं चाहते कि आप सभी बरी आरोपियों को जेल भेजे। ये हमारा मानना नहीं है क्योंकि इससे लिबर्टी पर पाबंदी लगती है। लेकिन हम चाहते हैं कि मामले पर आप स्टे दे दें। जिस पर कोर्ट कहता है कि हम इस पर नोटिस जारी करेंगे। जिस पर सॉलिसिटर जनरल कहते हैं कि इस ऑर्डर पर हम अपनी और फांइडिंग रखना चाहते हैं। मकोका ट्रायल को लेकर ये फैसला दिया गया था। उससे संबंधित हमारे पर कुछ तर्क हैं जो सुने जाने चाहिए। वो रिहा हो चुका हैं, उन्हें वापस जेल नहीं भेजिए लेकिन स्टे दे दीजिए। इस अंतरिम आवेदन को मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ये आदेश देते हैें कि जब तक इस मामले में जब तक फैसला चलता है तो बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी प्रतिवादियों को रिहा कर दिया गया है, इसलिए उन्हें वापस जेल भेजने का कोई सवाल ही नहीं उठता। हालाँकि, कानून के सवाल पर, हम कहेंगे कि विवादित फैसले को किसी अन्य मामले में मिसाल नहीं माना जाता। इसलिए, इस हद तक, विवादित फैसले पर रोक लगाई जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी को बरी करने पर रोक लगाना रेयरेस्ट ऑफ रेयर घटना होगी।