By अभिनय आकाश | May 07, 2024
देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है और इसी क्रम में छठे चरण की वोटिंग 25 मई को होगी, जिसमें दिल्ली की सभी सात लोकसा सीटों पर भी वोट डाले जाएंगे। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में जेल में थे। लेकिन अब देश की सर्वोच्च अदालत की तरफ से अरविंद केजरीवाल को जमानत देने पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। बेंच दोनों पक्षों को सुनने के बाद उठ गई। हालांकि कोर्ट ने कहा कि हम किसी व्यक्ति के राजनीतिक होने पर नहीं जा रहे हैं। हम देख रहे हैं कि ये केस सही है या नहीं है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद होगी।
आधिकारिक कर्तव्यों के पालन की अनुमति नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने पर भी वो आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने दिल्ली शराब नीति मामले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली जेल में बंद मुख्यमंत्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान, अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया तो क्या वह कार्यालय में उपस्थित होंगे, फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे और दूसरों को निर्देश देंगे। जवाब में उन्होंने कहा कि केजरीवाल आबकारी मामले से नहीं निपटेंगे। वह एक मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।
केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं। ईडी के वकील ने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से कोई गलत संदेश नहीं जाना चाहिए कि एक मुख्यमंत्री को अलग व्यवहार मिल सकता है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि मान लीजिए कि अगर हम फैसला सुरक्षित रखते हैं तो हमें इसे सुनाना होगा। लेकिन यह भी देखना होगा कि यह अवधि वापस नहीं आएगी। हम असाधारण मामलों में अंतरिम जमानत देते रहे हैं। अरविंद केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं।