प्रदूषित शहरों में दिल्ली ने किया टॉप, जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, क्या लगेगा लॉकडाउन?

By निधि अविनाश | Nov 13, 2021

दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है।शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता गंभीर की श्रेणी में रही और इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 473 रहा। वहीं,  नोएडा और गुरुग्राम में एक्यूआई क्रमश: 587 और 557 दर्ज किया गया। बता दें कि, दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि, अब यह दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में टॉप पर बनी हुई है। इस सूची में दिल्ली के अलावा मुंबई और कोलकाता शहर भी भारी प्रदुषित शहरों में शामिल हो गई है। शुक्रवार को चिंता जताते हुए अधिकारियों ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है और सरकार समेत निजी कार्यालयों से वाहनों में कम से कम 30 प्रतिशत की कटौती करने को कहा है। दिल्ली- एनसीआर में वायु गुणवत्ता आपातकालीन स्तर पर पहुंच गया है। चार हजार से अधिक खेतों में पराली जलाए से एनसीआर और दिल्ली की वायु गुणवत्ता एकदम खराब स्थिति में पहुंच गई है। ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर एक उप समिति के अनुसार 18 नवंबर तक प्रदूषकों के फैलने के लिए मौसम संबंधी स्थितियां अत्यधिक प्रतिकूल रहेंगी और संबंधित एजेंसियों को आपात श्रेणी के तहत कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। 

चिंताजनक बात यह है कि, तीन-भारतीय शहर दुनिया के टॉप 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। यहां देखिए टॉप 10 में कौन से देश और शहर है सबसे ज्यादा प्रदूषित-

1-दिल्ली, भारत (एक्यूआई: 556)

2- लाहौर, पाकिस्तान (एक्यूआई: 328)

3- चेंगदू, चीन (एक्यूआई: 176)

4-मुंबई, भारत (एक्यूआई: 169)

5- उलानबटार, मंगोलिया (एक्यूआई: 167)

6- कराची, पाकिस्तान (एक्यूआई: 165)

7-कोलकाता, भारत (एक्यूआई:165)

8-सोफिया, बुल्गारिया (एक्यूआई: 164)

9-ढाका, बांग्लादेश (एक्यूआई: 160)

10-बेलग्रेड, सर्बिया (एक्यूआई: 159) 

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेतावनी!

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे आपात स्थिति करार दिया है। SC ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उचित कदम उठाने को भी कहा है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के भीतर मास्क पहन रहे हैं। इस पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे। इस पीठ ने कहा कि, हर किसी को किसानों को जिम्मेदार ठहराने की धुन सवार है। क्या आपने देखा कि दिल्ली में पिछले सात दिनों में कैसे पटाखे जलाए गए हैं? यह आपात स्थिति है, जमीनी स्तर पर कई कदम उठाने की जरूरत है।’’

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लॉकडाउन लगाया जाएगा?

वायु गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए सर्वोच्च अदालत ने केन्द्र से जवाब मांगा है। न्यायालय ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल खुल गए हैं और प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं। केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रही है। पीठ ने कहा, ‘‘आपका मतलब यह लगता है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने से जुड़े कदमों का क्या है?’’ मेहता ने स्पष्ट किया कि उनका कहने का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं।

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