लग रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए किन राशियों पर होगा इसका असर

By विंध्यवासिनी सिंह | Jun 08, 2021

हमारा यह ब्रह्मांड तरह-तरह के रहस्यों से भरा हुआ है, और इसमें जितनी गहराई में आप जाते जाएंगे, उतना ही इन रहस्यों से आपका परिचय होता चला जाएगा। इसी संदर्भ में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं की बात करें, तो पहले ये घटनाएं रहस्य का विषय हुआ करती थीं, किंतु अब वैज्ञानिकों ने इस पर से निश्चित तौर पर काफी कुछ पर्दा हटा दिया है। 


आपको याद होगा कि पिछले महीने ही चंद्र ग्रहण लगा था, और अब 10 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। बता दें कि विज्ञान के साथ-साथ ज्योतिष की भी ग्रहण में काफी रूचि होती है, वह चाहे चंद्रग्रहण हो, या सूर्यग्रहण!

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इस बार खगोल शास्त्रियों के मुताबिक 10 जून को दोपहर के 1:42 से शाम के 6:41 तक सूर्य ग्रहण का चक्र चलेगा। तकरीबन 5 घंटे लंबे इस सूर्य ग्रहण को उत्तरी अमेरिका एशिया यूरोप कनाडा और ग्रीनलैंड के साथ-साथ रूस जैसे देशों में पूर्ण रूप से देखा जा सकता है।


जानकारी के अनुसार इस बार का सूर्य ग्रहण का आकर वलयकार होने वाला है। हमें छोटी कक्षा से ही विज्ञान के विषय में पढ़ाया जाता है कि जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है, तो सूर्य के मध्य भाग पर चांद की छाया पड़ती है, और वह ढक जाता है। 


चूंकि ये खगोलीय घटना पृथ्वी से बहुत दूर होती है, और वहां से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य के बीच का हिस्सा पूरी तरह से ढक गया है, और बाहर का हिस्सा किसी कंगन की भांति नजर आता है। इसको ही वलयाकार सूर्यग्रहण बोलते हैं। ऐसे में इस महत्वपूर्ण खगोलीय घटना को देखना अपने आप में रोमांचक होता है, और इसे 'रिंग ऑफ फायर' के नाम से भी जाना जाता है।


अगर भारतीय ज्योतिष के अनुसार बात करें तो 10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को, वृषभ राशि एवं मृगशिरा नक्षत्र में लगने वाला सूर्य ग्रहण है।


सूर्य ग्रहण के दिन पड़ रहे हैं दो महत्वपूर्ण पर्व


सूर्य ग्रहण का यह दिन इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन शनि जयंती भी पड़ रही है। इसके अलावा इस दिन बेहद महत्वपूर्ण त्यौहार वट सावित्री व्रत भी पड़ेगा, जो वैवाहिक महिलाओं के लिए भारतीय संस्कृति में बेहद महत्व का माना गया है। हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. और इस वजह से सूतक काल नहीं माना जायेगा। इसलिए इस दिन तमाम पूजा -अर्चना की जा सकती है।

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चूंकि ग्रहण एक स्तर पर अशुभ माना जाता है, खासकर धर्म इत्यादि के संदर्भ में, और इस दिन मंदिरों के न केवल कपाट बंद रहते हैं, बल्कि पूजा भी नहीं होती है, किंतु इस बार सूतक काल नहीं माना जाएगा, इसलिए धार्मिक आयोजन किये जा सकते हैं।


सूर्यग्रहण का विभिन्न राशियों पर असर


जहां तक राशियों की बात करें, तो इस सूर्य ग्रहण में...


- मेष राशि को ओवर आल तरक्की मिल सकती है। हालांकि उन्हें धैर्य से काम करते हुए तनाव लेने से बचना चाहिए, और कोई बड़ा निर्णय लेने से भी बचना चाहिए। 

- वृष राशि की बात करें तो इस राशि को अपने स्वास्थ्य पर बेहद ध्यान देने की जरूरत है, तो नेगेटिविटी से भी बचने की आवश्यकता है। हालांकि किस्मत इनका साथ जरूर देगी।

- मिथुन राशि की बात करें तो मीडिया, कला इत्यादि क्षेत्रों के लिए यह सूर्य ग्रहण फायदेमंद हो सकता है, हालांकि वाद - विवाद से बचने की सलाह दी जा रही है।

- कर्क राशि वालों पर इस ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा, लेकिन इनको तनाव से बचने और काम पर फोकस करने की जरूरत है।

- सिंह राशि वालों को ग्राउंड पर बेहद मजबूती से कार्य करना चाहिए। रिसर्च के बाद ही कोई बड़ा निर्णय लेना चाहिए।

- कन्या राशि वालों को स्वास्थ्य की देखभाल ठीक से करनी चाहिए।

- तुला राशि वालों को कोई भी कार्य सोच समझकर और अपनों की सलाह ले कर करना चाहिए।

- वृश्चिक राशि की बात करें, तो क्रोध पर नियंत्रण करते हुए बहुत ज्यादा खर्चे से इनको बचना चाहिए।

- धनु राशि वालों को आलस्य छोड़ कर काम पर ध्यान देने से सफलता मिल सकती है।

- इसी प्रकार मकर राशि वालों को इगो छोड़कर मेहनत पर ध्यान देना चाहिए।

- कुंभ राशि को अपनी फीलिंग को कंट्रोल में रखना चाहिए।

- मीन राशि वालों के गलत फैसले भी हो सकते है, इसलिए सावधान रखने प्रयास करें। अपने जीवन साथी की सेहत का ध्यान रखें। 


ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए करें इस मंत्र का जाप


ग्रहण शब्द का मतलब ही होता है अशुभता। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि ग्रहण का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष दुष्प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य दिखाई देता है। ऐसे में जिन राशि के लोगों पर ग्रहण का असर ज्यादा प्रभावी है और उस प्रभाव कम करना चाहते हैं, तो उन्हें सूर्य के निमित्त 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। 15 दिनों से जो लोग लगातार परेशान हैं, उन्हें सूर्य मंत्र के साथ ही 'ॐ सोम सोमाय नमः (चंद्र मंत्र) का जाप भी अवश्य करना चाहिए।


- विंध्यवासिनी सिंह

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