By अभिनय आकाश | Mar 19, 2024
जनवरी के महीने में ईरान ने पाकिस्तान पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया है। इस हमले में जैश अल अदल नामक आतंकी संगठन के दो ठिकानों को निशाना बनाया गया। जैश अल-अदल को अरबी में न्याय की सेना के रूप में अनुवादित किया जाता है, जिसे जुंदाल्लाह या ईश्वर के सैनिकों का उत्तराधिकारी माना जाता है। 2000 में इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ एक हिंसक विद्रोह को उकसाया, जिससे अशांत दक्षिणपूर्व में एक दशक तक विद्रोह चला। 2010 में स्थिति बदल गई जब ईरान ने जुंदाल्ला के नेता अब्दोलमलेक रिगी को मार डाला। विद्रोही समूह के लिए एक महत्वपूर्ण झटका था।
कुलभूषण जाधव को आईएसआई को सौंप दिया
आपको बता दें कि जैश अल अदल ने ही ईरान से भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव का अपहरण किया था। जैश अल अदल ने ही कुलभूषण जाधव को आईएसआई को सौंप दिया था। कुलभूषण जाधव को ईरान के चाबहार से ही किडनैप किया गया था। अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। जबकि पाकिस्तान का दावा है कि ईरान में व्यावसायिक हित रखने वाले जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था, भारत ने कहा है कि उन्हें ईरान-पाकिस्तान सीमा से अपहरण कर लिया गया था।
चार देशों ने लगाया प्रतिबंध
साल 2010 में ईरान ने आतंकी संगठन जुंदाल्लाह के बड़े नेता अब्दोलमलेक रिगी को मार गिराया था। इसके बाद साल 2012 में इस संगठन के सदस्यों ने एक दूसरा संगठन बनाया, जिसे जैश-अल-अदल नाम दिया गया। इस आतंकी संगठन का मुखिया इस वक्त सलाउद्दीन फारूकी है। इस आतंकी संगठन की करतूतों के चलते ही इसे ईरान, जापान, अमेरिका और न्यूजीलैंड ने बैन किया है।