9/11 का वो भयानक दिन जिसने हिला दी थी पूरी दुनिया, जानें क्या हुआ था उस सुबह

By रेनू तिवारी | Sep 11, 2018

 11 सितंबर 2001

ये वो तारीख है जो अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया को याद हैं ... और हो भी क्यों ना क्योंकि इस दिन आतंकवादियों ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की बुनियाद हिला कर रख दी थी.... 9/11 की घटना को आज 17 साल हो चुके है.. 9/11 वो दिन था जब आतंकियो ने अमेरिका का गुरूर कही जाने वाली इमारतो का वजूद ही खत्म कर दिया था.. उस दिन अमेरिका को ये पता चला था कि आतंकवाद का खात्मा किये बगैर वो अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है... लेकिन इन इमारतों से कहीं ज्यादा कीमती थी वो 3000 जिंदगियां जो वो इस नरसंहार की भेट चढ़ी...

इस भयानक घटना के बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि उस दिन अमेरिका पर आतंकियों ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ 3 बड़े हमले कर दुनिया को हिला दिया था। आतंकवादियों ने हमले के लिए ऐसे तरीकों को अपनाया था, जिसकी किसी ने कल्‍पना भी नहीं की थी। आतंकियो ने अमेरिका की जमीन पर ही अमेरिका पर हमले की साजिश रची.. और अमेरिका को इसकी भनक तक नहीं थी..

तारीख - 9 सितंबर 2001 

वक्त सुबह 7. बजकर 15 मिनट, 

जगह- बोस्टन का लोगन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा...

9/11 की सुबह आतंकियो ने बोस्टन एयरपोर्ट से 4 अमेरिकी एयरलाइंस के प्लेन को हाईजैक कर लिया.. इनमे से एक प्लेन था फ्लाइट 93, जिसे यूनाइटिड 93 के नाम से भी जाना जाता हैं। इस प्लेन से सुबह 8.42 मिनट पर न्यूजर्सी के न्यूयॉर्क से सैनफ्रांसिस्को के लिए उड़ान भरी इस प्लेन में 37 पेसेंजर्स और 7 क्रू-मेंबर सवार थे। जिसमें अलकायदा के 4 आतंकवादी भी सवार थे.. इन आतंकवादियों का लीडर था 'जयाक समीर जर्रा'... इस प्लेन के उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही पहला हाइजेक प्लेन अमेरिका, वर्ड ट्रेड सेंटर के नोर्थ टावर से टकरा चुका था.. लेकिन इस प्लेन में सवार सभी लोग इस घटना से बेखबर थे.. उनके लिए भी ये आम सा दिन था। लेकिन उनको नहीं पता था कि चंद मिनटों में उनकी जिंदगी बदलने वाली थी....

प्लेन के वर्ड ट्रेड सेंटर के नोर्थ टावर से टकराने के बाद जमीन पर अफरा तफरी मंची थी, सुरक्षा एजेंसियां और कंट्रोलरूम ये पता लगाने में जुटे थे की कौन- कौन से प्लेन हाईजैक हुए है। लेकिन ये एक दम वैसा था जैसे भूसे में सुई ढूंढना, क्योंकि उस दिन अमेरिकन एयरस्पेट में 4000 से ज्यादा प्लेन मंडरा रहे थे.. इससे पहले इंटेलिजेंस के लोग कुछ पता लगा पाते कि , 9 बजकर 3 मिनट पर दूसरा हाइजेक प्लेन वर्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टावर से जा टकराया.. इसके बाद भयानक विस्फोट हुआ और टावर में आग लग गई... अब इसके बाद कंट्रोलरूम की रडार से धीरे-धीरे हाइजेक प्लेन गायब हो रहे थे... 

उधर फ्लाइट 93 में पायलेट्स को यूनाइटिड एयरलांइस की और से एक मेसेज मिलता है.. जिसमें दोनो हाईजैक के वर्ड ट्रेड सेंटर से टकराने की खबर होती है.. इससे पहले पाइलेट्स कुछ समझ पाते कि उससे पहले ही जर्रा और उलके साथी प्लेन को हाईजैक करने के लिए आगे बढ जाते हैं.. कॉकपिट में खुस जाते है और पाइलेट्स को मार देते हैं और जहाज के पेसेंजर्स को जहाज के पिछले हिस्से में धकेल देते हैं.. और पेसेंजर्स को नकली बम से प्लेन उड़ाने की धमकी देता हैं। और अब फ्लाइट 93 को जर्रा उड़ा रहा था। 

प्लेन में बैठा एक पेसेंजर टॉप ब्रूनेट अपनी पत्नी को प्लेन में हो रही हरकतो की खबर देता है फिर उसकी पत्नी वर्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले की जानकारी देती है.. इस खबर को सुनकर टॉप ब्रूनेट समझ जाता है कि जिस प्लेन में वो बैठा है उसका हस्र क्या होने वाला है.. धीरे-धीरे वर्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले की खबर पूरे प्लेन में फैल जाती हैं और... दूसरी ओर जर्रा प्लेन का रूख वॉशिंगटन की और मोड़ देता है....उसका निशाना क्या था ये अब तक कोई नही जानता था.. 

उधर 9.37 मिनट पर अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 77 पेंटागन के वेस्टन ब्लॉक से टकरा जाती है। कंट्रोलरूम में हर तरफ अफरातफरी का माहौल था... अमेरिकन एयरफार्स के पास हाईजैक प्लेन को मार गिराने की इजाज़त भी नहीं थी .. क्योंकि ये इजाज़त अमेरिका के राष्ट्रपति जार्जबुश दे सकते थे.. जो उस समय फ्लोरिडा में थे.. 

फ्लाइट 93 में बैठे पेसेंजर ये समझ चुके थे कि हाईजैकर्स सुसाइड मिशन पर है, इसलिए पेसेंजर्स ने आतंकियों से लड़ने की ठानी.... प्लेन मे सवार एक पेसेंजर ने अपनी पत्नी को फोन कर बताया की वो हाईजैकर्स पर हमला करने जा रहे हैं... प्लेन की क्रू मेंबर अपने पति को फोन कर बताती है कि वो बोतल मे गर्म पानी ईक्ट्ठा कर रहे है.. ताकि वो हाईजैकर्स पर हमला कर सके.. 9 बजकर 58 मिनट पर प्लेन का एक पेसेंजर सबसे पूछता है कि 'सब तैयार है ना... चलो दिखा दे इनको' इसके बाद सभी पेसेंजर हाईजैकर्स के उपर टूट पड़ते है और कॉकपिट में खुस कर जर्रा को  दबोच लेते हैं और इसी छिना- झपटी में प्लेन कंट्रोल से बाहर हो जाता है और जमीन पर क्रेश हो जाता है और वो समय  था 10.3 मिनट और प्लेन में सवार सभी 44 लोग मारे जाते है.. लेकिन इन बहादुरों का बलिदान जाया नहीं जाता क्योंकि वो प्लेन अपनी मंजिल पर पहुंच जाता तो न जाने कितनी जाने और जाती.. जांच के बाद पता चला कि आतंकियो के निशाने पर शा अमेरिका की केपिटल बिल्डिंग वाइट हाउस जो फ्लाइट 93 के क्रेश होने की जगह से महज 20 मिनट की दूरी पर थी.. अमेरिका में फ्लाइट 93 के 44 पेसेंजर और क्रू-मेंबर को हीरों की तरह माना जाता हैं। फ्लाइट 93 के उन हीरोस को प्रभासाक्षी का सलाम...

 

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