By एकता | Dec 21, 2025
बांग्लादेश के मैमन सिंह में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा मार दिए गए 25 वर्षीय हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में पता चला है कि दीपू ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी जिससे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों। वह पूरी तरह निर्दोष था और केवल अफवाहों के कारण उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
मैमनसिंह की एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले दीपू के खिलाफ अफवाह फैली कि उसने इस्लाम पर अपमानजनक टिप्पणी की है। उत्तेजित भीड़ ने उसे फैक्ट्री से खींचकर बाहर निकाला और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद भीड़ ने दीपू के शव को हाईवे के पास एक पेड़ से लटकाकर आग लगा दी। इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी बल ने साफ किया है कि दीपू के फेसबुक या बातचीत में ईशनिंदा का कोई सबूत नहीं मिला है। फैक्ट्री के सहकर्मियों ने भी ऐसी किसी बात की पुष्टि नहीं की।
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार का कहना है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।