By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 05, 2018
अमरावती। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने न्यायपालिका और विधानमंडलों के अध्यक्षों के राजनीतिक दलबदल के मामलों में निपटने के तौर-तरीकों पर बुधवार को चिंता व्यक्त की और कहा कि एक ‘निर्धारित समयसीमा’ के भीतर इसे निपटाये जाने की जरूरत है। उन्होंने दलबदल मामलों के निपटारे के वास्ते एक निर्धारित समयसीमा बनाने के लिए दलबदल कानून में संशोधन की जरूरत की भी वकालत की। संवाददाताओं और अपने कुछ परिचितों के साथ यहां एक अनौचारिक बातीचत में उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस बारे में इतना बड़ा क्या है? (यह तय करने में कि एक विधायक ने दल बदल लिया है या नहीं) क्या यह मुश्किल है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक व्यक्ति अपना (राजनीतिक)झंडा, रंग, नेता और नारा बदलता है और आगे बढ़ जाता है, तो क्या हमें यह सब समझ नहीं आता है?’’ उन्होंने कहा कि अदालतें भी याचिकाएं स्वीकार करती हैं और ‘अगली सुनवाई’ से ‘अगले साल अमुक और अमुक तारीख’ तय करती है। उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘वे समय पर फैसला नहीं सुनाते हैं। अदालतों को केवल तभी याचिकाएं स्वीकार करनी चाहिए, अगर उनके पास समय हो और जल्द फैसला सुना सकती हों। लेकिन वे ना तो ये करती हैं और ना ही वह करती हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।’’
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लोक प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक और चुनाव संबंधी मामलों का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए न्यायाधिकरण और विशेष अदालतें गठित की जानी चाहिए और एक साल के भीतर ऐसे सभी मामलों का निपटारा करना चाहिए। उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ऐसे मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जिसमें कुछ लोग आरोपों का सामना कर रहे हैं । वे हमारे नेता होने जा रहे हैं। एक साल के भीतर उनके मामले निपटाए जाने चाहिए।’’