सुखपाल सिंह खैरा के जाने से पार्टी मजबूत होगी: मनीष सिसोदिया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 07, 2019

नयी दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आप के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा पर पार्टी को ‘कमजोर करने की कोशिश’ का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके जाने से पार्टी ‘मजबूत’ होगी। पंजाब के विधायक खैरा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ पहले ही बगावत कर दी थी। उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए आरोप लगाया कि पार्टी अपनी विचारधारा और सिद्धांत से ‘पूरी तरह भटक’ गई है। खैरा को पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया गया था, जिसके बाद से ‍वह आप नेतृत्व की खुली तौर पर आलोचना करने लगे थे। खैरा को पिछले साल नवंबर में ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

 

सिसोदिया ने ट्विटर पर कहा, ‘‘सुखपाल खैरा का इस्तीफा प्रत्याशित था। पार्टी उनके जाने से मजबूत होगी। उन्हें अब विधायक पद से भी इस्तीफा देना चाहिए, जो वह आप के टिकट पर बने। पंजाब में जबसे विपक्ष के नेता का पद एक दलित नेता को दिया गया, वह तबसे पार्टी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।' उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘ पार्टी हाशिए पर पड़े हुए और गरीब लोगों के लिए काम करना जारी रखेगी। जिस किसी को भी इसमें समस्या हो, वह पार्टी छोड़ सकते हैं। खैरा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे और वह तब से पार्टी के खिलाफ खुलेआम बगावत कर रहे थे।' खैरा पहले कांग्रेस में थे और पिछले विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले दिसंबर, 2015 में आप में शामिल हो गए थे। उन्होंने आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा भेज दिया।

 

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बोलाथ से विधायक खैरा (53) ने अपने त्यागपत्र में कहा, “मैं आप की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देने के लिए बाध्य हूं क्योंकि अन्ना आंदोलन के बाद पार्टी जिस विचाराधारा और सिद्धांतों पर बनी थी, उससे वह पूरी तरह भटक गयी है।’’ उनके त्यागपत्र की प्रतियां मीडिया को जारी की गयी है।खैरा ने कहा, ‘‘यद्यपि आप मुझे और कंवर संधू को पार्टी से अपमानजनक तरीके से निलंबित कर हमारे अच्छे कार्य का इनाम पहले ही दे चुके हैं, तथापि मैं आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़कर आप से और पार्टी से संबंध विच्छेद को औपचारिक रूप देना चाहता हूं। ’’ पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से वह आप नेतृत्व के मुखर आलोचक रहे हैं।पिछले साल नवंबर में खैरा को संधू के साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर निलंबित कर दिया गया था।

 

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