हुनर हाट के शिल्पियों एवं काश्तकारों के उत्पाद सरकारी विपणनन पोर्टल पर होंगे पंजीकृत: नकवी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 23, 2020

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय यहां ‘हुनर हाट’ में हिस्सा ले रहे शिल्पियों और काश्तकारों के उत्पादों को ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ पर पंजीकृत करायेगा और वह देश-विदेश से भारी मात्रा में उनके वास्ते आर्डर जारी किये जाने के लिए निर्यात संवर्धन परिषदों के संपर्क में है। उनके मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के आखिरी दिन उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इंडिया गेट के लॉन, राजपथ पर ‘हुनर हाट’ ऐतिहासिक और सफल रहा एवं राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई गणमान्य अतिथि यहां पहुंचे। नकवी ने कहा, ‘‘ आज ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुनर हाट तथा शिल्पियों, काश्तकारों एवं उनके उत्कृष्ट देशी हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रशंसा की। हुनर हाट का उल्लेख कर प्रधानमंत्री ने देशी कला एवं काश्तकारी के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी है।’’

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पिछले सप्ताह मोदी के अचानक हुनर हाट पहुंचने का जिक्र करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि उनकी यात्रा से इस आयोजन को बहुत बड़ा बल मिला तथा भारतीय शिल्पियों एवं काश्तकारों की मेधा को एक पहचान मिली। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने कुल्हड़ की चाय और बिहार के लिट्टी-चोखे का भी स्वाद लिया। हुनर हाट में करीब एक घंटे तक ठहरने के दौरान वह कई स्टॉलों पर गये और उन्होंने शिल्पियों से बातचीत की एवं उनके देशी उत्पादों के बारे में जानकारियां हासिल कीं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हुनर हाट को सुर्खियों में पहुंचा दिया और उसके बाद रोज आंगुतकों की संख्या बढ़ती गयी।

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नकवी ने कहा, ‘‘इन 11 दिनों में 15 लाख से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आगंतुक हुनर हाट में पहुंचे। आंगुतकों ने शिल्पियों एवं काश्तकारों का उत्साहवर्धन किया और बावर्चीखाना हिस्से में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया।’’ उन्होंने कहा कि मंत्रालय शिल्पियों एवं काश्तकारों के उत्पादों का गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस पर पंजीकरण करायेगा। गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस एक ऐसा मंच है जहां सरकारी अधिकारी वहां पर दर्ज सामानों को खरीदते हैं। मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय कई निर्यात संवर्धन परिषदों के संपर्क में है ताकि इन शिल्पियों एवं काश्तकारों को नियमित रूप से देश-विदेश के बाजारों से खूब आर्डर मिले।