बुराड़ी कांड पार्ट-2, तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक बार फिर पूरे परिवार ने की आत्महत्या

By रेनू तिवारी | Sep 12, 2018

बुराड़ी कांड तो आपको याद ही होगा, जहां दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में सामुहिक आत्महत्या कर ली थी। ये लगभग दो महीने पहले की बात थी। इसी खबर की तरह गुजरात के अहमदाबाद से दूसरा मामला सामने आया है, जहां एक परिवार के तीन सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या कर ली। इस सामुहिक आत्महत्या के पीछे भी तंत्र-मंत्र की बात सामने आयी हैं। अहमदाबाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है लेकिन शुरूआती जांच में अंधविश्वास के चलते इस सामुहिक आत्महत्या की बात सामने आ रही हैं। 

आपको बता दें की ये परिवार अहमदाबाद के नरोदा के अवनी स्काई में किराए के फ्लैट में रहता था। इस परिवार का मुखिया कुणाल त्रिवेदी जिसकी उम्र 45 लगभग थी। परिवार में उसकी पत्नी कविता और उनकी 16 वर्षीय बेटी श्रीन साथ रहते थे। पुलिस ने कहा कि घर के मुखिया कुणाल ने खुद को फांसी लगाई और उसकी पत्नी कविता और बेटी श्रीन की लाश घर में पड़ी मिली। कहा ये भी जा रहा हैं कि मां और बेटी  ने ज़हरीली दवा पीकर आत्महत्या की है। जबकि घर की बुजुर्ग महिला यानी कुणाल की मां भी मोहजूद थी। उनको पूलिस ने बेहोश हालत में पाया था उन्होंने भी ज़हरीली दवा पी थी, हालांकि उन पर इस दवा का असर ज्यादा नहीं हुआ। फ़िलहाल वो अस्पताल में भर्ती है।

इस खबर का पता तब चला जब पूरा दिन बीच गया था और घर का दरवाजा एक भी बार नहीं खुला और परिवार के रिश्तेदार लगातार फोन कर रहे थे लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा था। कोई जवाब न मिलने के कारण रिश्तेदार और अन्य परिवार वाले पुलिस को लेकर घर पहुंचे और जब कमरे में दाखिल हुए तो जो देखा उस पर किसी को विश्वास नहीं हुआ अंदर कुणाल फांसी से लटका था। जबकि उसकी पत्नी फर्श पर और बेटी बिस्तर पर मृत पड़ी थी।

जिसके बाद पुलिस में शवों को पोस्मार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है था  जिसमें लिखा है "मम्मी आप मुझे कभी भी समझ नहीं पायी, मैंने कई बार इस काली शक्ति के बारे में बताया था लेकिन आपने कभी उसे माना नहीं और शराब को उसका कारण बताया।" सुसाइड नोट में ये भी लिखा कि वे कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकते हैं, लेकिन काली शक्तियों की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं। नोट में जिग्नेशभाई का भी जिक्र है उसमें ये भी लिखा था कि जिग्नेशभाई आप की जवाबदेही है। शेर अलविदा कह रहा है। सभी ने ये स्थितियां देखी हैं। कुणाल की ये स्थितियां देखी हैं लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था। क्योंकि जितना मां कविता कर पाती थी, वो करती थी। उसका विश्वास था कि कुल देवी आएगी और उसे बचाकर निकाल लेगी। पर ये काली शक्तियां इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ती हैं।

 

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