By अभिनय आकाश | Oct 12, 2021
वीर सावरकर पर पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के दौरान सरसंघचालक मोहन भागवत ने वीर सावरकर को बदमान करने की साजिश का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जो भारत का है, उसकी सुरक्षा, प्रतिष्ठा भारत के ही साथ जुड़ी है। विभाजन के बाद भारत से स्थलांतर करके पाकिस्तान में गए मुसलमानों की प्रतिष्ठा पाकिस्तान में भी नहीं है। जो भारत का है, वो भारत का ही है। मोहन भागवत ने कहा कि वीर सावरकर को लेकर आज के भारत में जानकारी का अभाव है, सावरकर को बदनाम करने की कोशिश की गई है। भारतीय भाषा की परंपरा के अर्थ में धर्म का अर्थ जोड़ने वाला है, उठाने वाला है, बिखरने ना देने वाला है। साधारण शब्दों में समझा जाए तो भारतीय धर्म मानवता है।
संघ प्रमुख ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चली है। इसके बाद स्वामी विवेकानंद, स्वामी दयानंद सरस्वती और योगी अरविंद को बदनाम करने का नंबर लगेगा, क्योंकि सावरकर इन तीनों के विचारों से प्रभावित थे। इसके अलावा उन्होंने सड़कों के नाम बदलने पर सहमति जताई हुए कहा कि बहुत राष्ट्रभक्त मुस्लिम हैं, जिनके नाम गूंजने चाहिए। हमारी पूजा विधि अलग-अलग है, लेकिन पूर्वज एक ही हैं। बहुत राष्ट्रभक्त है. बंटवारे में पाकिस्तान जाने वालों को वहां प्रतिष्ठा नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सावरकर को बदनाम किया गया।