By अभिनय आकाश | Jan 22, 2025
स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के लिए योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान 'सीएम दी योगशाला' पहल को एक सार्वजनिक लहर में बदलना चाहते हैं ताकि एक स्वस्थ, प्रगतिशील और समृद्ध राज्य का उनका सपना साकार हो सके। इस पहले को पंजाब सरकरा की तरफ से काफी सफल बताया जा राह है। पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य की एक बड़ी आबादी मुफ्त बिजली, सरकार तुहाड़े द्वार और आम आदमी क्लीनिक जैसी योजनाओं से भी लाभ उठा रही है।
योगाभ्यास के माध्यम से अच्छा स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने में 'सीएम दी योगशाला' अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पंजाब सरकार की मानें तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का यह फैसला उनकी दूरदर्शी सोच को दर्शाता है क्योंकि भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण पिछले कुछ वर्षों में पंजाब में रक्तचाप और उच्च रक्तचाप के मामले तेजी से बढ़े हैं। वहीं, संतुलित आहार न लेने और व्यायाम से दूरी बनाने से यह समस्या और भी बढ़ गई है। दूसरी ओर, डॉक्टर भी लोगों को योग का सहारा लेने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की कमी के कारण समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने योग को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए 'सीएम दी योगशाला' पहल शुरू की है जो योग के जरिए खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने युवाओं को इसमें करियर बनाने के मौके भी मुहैया कराए हैं। इस पहल के तहत सरकार का लक्ष्य न सिर्फ योग कक्षाएं संचालित करना है बल्कि राज्य में नए योग प्रशिक्षक तैयार करना भी है। सरकार की यह कोशिश धीरे-धीरे रंग ला रही है और लोगों की जीवनशैली में सुधार हो रहा है।
पंजाब में प्रमाणित और प्रशिक्षित योग शिक्षकों की टीमें बनाई गई हैं, जो 'सीएम दी योगशाला' के लिए जिम्मेदार हैं। ये योग शिक्षक सोसायटी में लोगों को मुफ्त में योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना और योग के महत्व को उजागर करना है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।