By रेनू तिवारी | May 30, 2025
कश्मीर में अमरनाथ मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होने वाली है - 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह पहली बार है। यह यात्रा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक केंद्र बिंदु बन गई है, जहां अधिकारी 'ऑपरेशन शिवा' के तहत सुरक्षा संबंधी सावधानियों को बढ़ा रहे हैं - अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी भी संभावित आतंकी गतिविधि को रोकने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया एक अभ्यास शब्द।
सुरक्षा व्यवस्था
केंद्र ने वार्षिक यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 580 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है, जिसमें लगभग 42,000 जमीनी कर्मी शामिल हैं, अधिकारियों ने गुरुवार को बताया। जबकि 424 कंपनियों को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में भेजा जा रहा है, बाकी, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान घाटी में स्थानांतरित की गई लगभग 80 कंपनियां शामिल हैं, को यात्रा मार्ग, तीर्थयात्रियों और श्रीनगर सहित अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए स्थानांतरित किया जाएगा।
सीआरपीएफ महानिदेशक सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए जम्मू में एक बैठक की अध्यक्षता की। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की घोषणा के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर की 38 दिवसीय यात्रा तीन जुलाई को शुरू होगी और नौ अगस्त को समाप्त होगी।
सीआरपीएफ ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सीआरपीएफ के महानिदेशक जी. पी. सिंह ने अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जम्मू सेक्टर मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।’’
सीआरपीएफ ने कहा कि श्रद्धालुओं की निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थाओं का विस्तार से निरीक्षण किया गया है। महानिदेशक ने बुधवार को कश्मीर घाटी का दौरा किया और यात्रा का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों की रणनीतिक समीक्षा की। उन्होंने आधार और पारगमन शिविरों सहित प्रमुख तीर्थ स्थलों का भी दौरा किया, जमीनी व्यवस्थाओं का आकलन किया और सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुचारू और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध यात्रा को लेकर प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अमरनाथ गुफा की यात्रा दो मार्गों से की जा सकती है। एक यात्रा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम होते हुए पारंपरिक 48 किलोमीटर के मार्ग से होकर और दूसरी मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में छोटे लेकिन खड़ी चढ़ाई वाले 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से की जा सकती है। केंद्र ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के लगभग 42,000 कर्मियों वाली 580 कंपनियों की तैनाती के आदेश दिए हैं।