जीसैट-6ए से 2018 में संपर्क टूटने की वजह से चंद्रयान-2 को रवाना करने में हुई थी देरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 07, 2019

नयी दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम से शुक्रवार देर रात संपर्क टूट गया लेकिन पिछले साल भी इस मिशन की लांचिंग सैन्य उपग्रह जीसैट-6ए से संपर्क टूटने की वजह से टाली गई थी। जीसैट-6 ए को मार्च 2018 में प्रक्षेपित किया गया था और इसका मकसद धरती पर बने केंद्रों की मदद से दुर्गम स्थलों पर सैन्य संचार स्थापित करने में सहायता करना था। हालांकि, कुछ दिनों के बाद इसरो ने कहा कि उसका जीसैट-6ए से संपर्क टूट गया है। 

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इसरो ने तब कहा था कि उपग्रह में लगे दूसरे इंजन को चालू करने के बाद संपर्क टूट गया और दोबारा इसे साधने की कोशिश की जा रही। उस समय चंद्रयान-2 को अक्टूबर-2018 में प्रक्षेपित करने की योजना थी। अधिकारियों ने तब कहा था कि वे कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहते और करोड़ों डॉलर की चंद्रयान-2 परियोजना की सफलता को पुख्ता करना चाहते हैं। 

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चंद्रयान को पिछले साल अक्टूबर में लांच करने की योजना को स्थगित कर इस साल की शुरुआत में करने की एक वजह जीसैट-6ए से संपर्क टूटना भी था। बाद में इसे जुलाई तक के लिए टाल दिया गया। चंद्रयान-2 में कोई खामी नहीं आए इसलिए इसरो ने विशेषज्ञों का समूह गठित किया। इससे पहले अगस्त 2017 में नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसस-1एच को ले जाने वाला पीएसएलवी-सी39 मिशन असफल रहा। तब उपग्रह को कक्षा में छोड़ने के लिए रॉकेट का ऊष्मा कवच नहीं खुला।

 

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