By एकता | Jul 26, 2025
आजकल के रिश्ते बडे ही हाई-टेक हो गए हैं, जनाब! पहले चिट्ठियों में दिल धडकता था, अब सीन हो जाने पर दिल टूट जाता है। तेज रफ्तार जिंदगी, इंस्टा की स्टोरीज, डेटिंग ऐप्स की उंगलियों वाली लव स्टोरीज और 'मैं स्पेस चाहती/चाहता हूं' जैसे डायलॉग, सबने मोहब्बत को थोडा कॉम्प्लिकेटेड बना दिया है। अब प्यार सिर्फ दिल का नहीं, दिमाग और डेटा दोनों का खेल हो गया है। भरोसा, कम्युनिकेशन और लॉयल्टी का टेस्ट अब 5G स्पीड से होता है और अगर जरा सा भी नेटवर्क डाउन हो गया, तो कनेक्शन कटते देर नहीं लगती।
सोशल मीडिया पर किसी और की 'क्यूट कपल' पोस्ट देखकर अपने रिश्ते की हवा निकल जाती है, और फोमो (FOMO) यानी 'कुछ मिस न हो जाए' का बुखार तो अलग ही लेवल पर है। ऐसे में, प्यार निभाना आज के दौर की असली कला बन चुका है। इसी चुनौती भरे दौर में मशहूर आध्यात्मिक गुरु और मोटिवेशनल स्पीकर गौरांग दास ने हाल ही में रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के तीन गहरे और असरदार फॉर्मूले साझा किए हैं। तो चलिए, वो तीन 'लव हैक्स' जान लेते हैं, जो आपके रिश्ते को स्मार्ट और स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।
दिल में कुछ हो और चेहरे पर 'मैं तो ठीक हूं' वाली एक्टिंग? छोडिए जनाब
गौरांग दास ने बताया कि अगर मन का मौसम उखडा हुआ है, तो झूठी मुस्कान मत चिपकाइए। दिल की बात दबाइए नहीं, सुनाइए। क्योंकि जब आप अपने जज्बात छुपाते हैं, तो आपके बीच में दूरी की दीवारें बनने लगती हैं। असली कनेक्शन तो तभी बनता है जब बात हो बिना फिल्टर, बिना डर। रिश्तों में दिल से दिल का नेटवर्क तभी जुडता है जब बातचीत में नेटवर्क स्ट्रॉन्ग होता है।
बहस हो जाए तो 'मैं ही सही हूं' का राग मत अलापिए
अब देखिए, लडाइयां तो हर रिश्ते का हिस्सा हैं, लेकिन गौरांग दास का कहना है कि अहंकार का नमक अगर ज्यादा पड गया, तो प्यार की रसोई बिगड ही जाती है। झगडों में जीतने के चक्कर में मत पडिए, वरना हार असल में दोनों की होती है। समझदारी ये है कि मिलकर हल निकाला जाए, ना कि एक-दूसरे की बोलती बंद करने की कोशिश की जाए। अहंकार छोडिए, हाथ पकडिए।
सिर्फ 'क्या खाया?' या 'कब आओगे?' से बात आगे नहीं बढती, थोडी दिल की बात भी हो जाए
गौरांग दास की तीसरी सलाह के अनुसार, रोज थोडी देर के लिए फोन साइलेंट करिए, दिल की बातें ऑन करिए। पार्टनर से पूछिए, 'कैसा दिन रहा?', 'कुछ परेशान कर रहा है क्या?' क्योंकि प्यार का पौधा बातें करने से ही सींचा जाता है। कोशिश कीजिए कि हर दिन कम से कम 30 मिनट बिना किसी डिस्ट्रैक्शन के सिर्फ एक-दूसरे के साथ बिताएं, चाहे वो चाय पर गपशप हो या साथ बैठकर कुछ पल की खामोशी। यही छोटी-छोटी बातें, बडी-बडी दूरियां मिटा देती हैं।