'पंजाब में सबसे सस्ती बिजली', इन उपलब्धियों के साथ चुनावी मैदान में जा रही कांग्रेस सरकार

By अनुराग गुप्ता | Jan 18, 2022

चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस के समक्ष अपनी सत्ता को बचाने की जिम्मेदारी है। जबकि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) खुद के वजूद को बचाने में जुटा हुआ है। इसके अलावा भी कई तरह के समीकरण दिखाई दे रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से सीख लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने आगामी चुनाव को लेकर भगवंत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसी बीच हम बात पंजाब सरकार की उपलब्धियों के बारे में करेंगे। 

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साल 2017 में कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज करने के बाद अमरिंदर सिंह की ताजपोशी की गई। लेकिन पार्टी में आंतरिक मतभेदों के चलते अमरिंदर सिंह ने अपमानित होकर ने सिर्फ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया बल्कि पार्टी को भी अलविदा कह दिया। इसके बाद कांग्रेस ने प्रदेश को दलित मुख्यमंत्री बनाया। जिसके नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समय-समय पर मीडिया से मुखातिब भी हुए और अपनी सरकार की उपलब्धियां भी सभी के समक्ष रखी।

चन्नी सरकार की उपलब्धियां:-

  • सरकार ने बिजली की दरों में कटौती की। एक नवंबर से सात केबी के लोड पर बिजली तीन रुपए सस्ती हुई। मुख्यमंत्री चन्नी का मानना है कि महज पंजाब में बिजली सबसे सस्ती है।
  • इस बार सरकार रोजगार मुद्दे के साथ भी चुनावी मैदान पर उतरी है। सरकार ने दावा किया कि अकालियों के कार्यकाल के दौरान पैदा हुए वित्तीय संकट के बावजूद हमने अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित किया और करीब 12 लाख नौजवानों को नौकरियों की सुविधा दी। इसके अलावा सरकार ने पंजाब में पंजाबियों को नौकरी में प्राथमिकता देने के लिए कानून लाने की भी बात कही है।
  • सरकार लगातार दावा कर रही है कि बॉर्डर पास से होने वाली विभिन्न प्रकार की तस्करियों पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल की है। समय-समय पर सरकार इस तरह के और भी दावे करती रहती है।
  • शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भी सरकार ने 5,800 स्कूलों को स्मार्ट बनाया। प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू हुईं। इसके अलावा बच्चों के पढ़ने के लिए ई-सामग्री विकसित की गईं। बॉर्डर वाले स्कूलों को भी मजबूती के साथ आगे बढ़ाया। इतना ही नहीं सरकार ने साफ शब्दों में कहा था कि 10वीं तक पंजाबी नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द करेंगे। इसके लिए बकायदा कानून भी बनाया गया है।
  • सड़कों को चमकाने के लिए सरकार ने 3260 करोड़ रुपए की लागत से 29,000 किमी लिंक सड़कों की मुरम्मत की और जिन लिंक सड़कों की मरम्मत बाकी थी, उन्हें पूरा करने के लिए साल 2022 का लक्ष्य भी रखा।
  • कोरोना महामारी की वजह से खराब हुई अर्थव्यवस्था के बावजूद सरकार ने खुद को संभाला और किसानों के 4700 करोड़ रुपए के कर्ज माफ किए।
  • सरकार ने रेत की कीमतों में कटौती के लिए कानून बनाया। पहले प्रदेश में दरिया पर 22 रुपए क्यूबिक फुट रेत की बिक्री होती थी लेकिन सरकार ने कीमतों में कटौती की और 5.50 रुपए बिक्री का कानून बनाया। 

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आपको बता दें कि प्रदेश सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करती रहती है और इस बार सरकार अर्थव्यवस्था को और भी ज्यादा मजबूत और किसानों की स्थिति सुधारने समेत कई मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। प्रदेश की 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को वोटिंग होगी। जबकि 10 मार्च को चुनावी नतीजे सामने आएंगे।

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