By अनन्या मिश्रा | Jul 04, 2025
इर्रेगुलर पीरियड्स, बहुत कम या अधिक ब्लीडिंग होना और पीरियड्स के समय असहनीय दर्द जैसी स्थितियां हो सकती हैं। भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं जूझ रही हैं। जिनको नजरअंदाज करना सेहत के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि आप अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके इस समस्या से छुटकारा पा सकती हैं।
इर्रेगुलर पीरियड्स होने पर पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं या फिर हर महीने अलग-अलग समय पर आते हैं। सामान्य तौर पर पीरियड्स हर 21 से 35 दिनों के बीच आते हैं। वहीं 3-7 दिनों तक चलते हैं। लेकिन जब यह साइकिल अनियमित हो जाती है, तो कभी 15 तो कभी 40 दिनों में या फिर कई बार महीने-महीने तक पीरियड्स नहीं आते हैं। इसको इर्रेगुलर पीरियड्स कहा जाता है। जब लगातार यह समस्या बनी रहती हैं, तो सेहत संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इर्रेगुलर पीरियड्स महिलाओं की मेंटल, फिजिकल और हॉर्मोनल कंडीशन से जुड़ा होता है। वहीं अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी इसकी एक मुख्य वजह है। आजकल महिलाओं और लड़कियों में इर्रेगुलर पीरियड्स की सबसे आम वजह PCOS है। इसमें अंडाशय में सिस्ट बन जाते हैं, जिसके कारण ओव्युलेशन रुक जाता है। जिस वजह से पीरियड्स समय पर नहीं आते हैं या फिर रुक जाते हैं। शरीर का वेट कम या ज्यादा होना भी ओव्युलेशन को प्रभावित करता है।
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाने पर पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं। इसके पीछे थायरॉइड या अन्य एंडोक्राइन हो सकता है। लंबे समय तक स्ट्रेस में होने से शरीर का हॉर्मोनल बैलेंस बिगड़ सकता है। वहीं एथलीट्स या जिम में ज्यादा वर्कआउट करने वाली महिलाओं को भी पीरियड्स देर से आ सकते हैं या फिर रुक सकते हैं।
अगर पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं, तो ओव्युलेशन भी इर्रेगुलर होता है। जिसकी वजह से कंसीव करने में समस्या होती है।
इर्रेगुलर पीरियड्स हॉर्मोनल इम्बैलेंस की ओर भी इशारा करते हैं। आगे चलकर थायरॉइड, PCOS या फिर इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इर्रेगुलर पीरियड्स के साथ कुछ महिलाओं में हैवी ब्लीडिंग होती है। जिसके कारण एनीमिया, कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इर्रेगुलर पीरियड्स से चिड़चिड़ापन, एंग्जाइटी और तनाव महसूस हो सकती है। जब वह कंसीव की योजना बना रही होती हैं।
इसकी वजह से फेस पर मुंहासे, शरीर पर अनचाहे बाल और बालों का झड़ना जैसे समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। अगर अक्सर पीरियड्स अनियमितत होते हैं, तो इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे शरीर के अंदर कुछ गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
इर्रेगुलर पीरियड्स को कंट्रोल करने और मेंस्ट्रुअल साइकिल को रेगुलर बनाने के लिए लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना जरूरी होता है। ऐसे में छोटे-छोटे बदलाव पीरियड्स को रेगुलर करेंगे, बल्कि आपकी पूरी सेहत भी अच्छी रहती है।
अनानास
पपीता
अदरक
दालचीनी
अजवाइन
सौंफ
हल्दी
ज्यादा तेल मसाले वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
डीप फ्राइड फूड्स नहीं खाना चाहिए।
प्रोसेस्ड और जंक फूड
शुगरी ड्रिंक्स
अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना
शराब और कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।