हरित सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है यह ऐप

By उमाशंकर मिश्र | Mar 07, 2018

उमाशंकर मिश्र/(इंडिया साइंस वायर): भारत सामूहिक प्रयास से पोलियो जैसी बीमारी को समूल नष्ट कर सकता है तो जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए भी हम तैयार हैं। तकनीक के साथ-साथ इसके लिए जनभागीदारी की भूमिका बेहद अहम है। यह बात राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में अपने मोबाइल ऐप का औपचारिक लॉन्च करते हुए कही। 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “दैनिक जीवन में हमारे छोटे-छोटे प्रयास जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में मददगार हो सकते हैं। जो स्वच्छ एवं हरा-भरा पर्यावरण, उपजाऊ जमीन, नदियां और जंगल हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिले हैं, उसे भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।” 

 

नोबेल पुरस्कार प्राप्त भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रामन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि “देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है और कई वैज्ञानिक उपलब्धियों के मामले में भारत को अब दुनिया के शीर्ष दस देशों में शुमार किया जाता है।” 28 फरवरी, 1930 के दिन ही रामन ने अपने विश्वप्रसिद्ध सिद्धांत ‘रामन प्रभाव’ की घोषणा की थी। 

 

इंडिया साइंस वायर से बातचीत में उन्होंने कहा कि “भारत में नदियों, पहाड़ों और वृक्षों की पूजा होती है और प्रकृति की देखभाल करने का भाव भारत के लोगों में है, पर कहीं न कहीं वह भाव कम हुआ है। अपने बेहतर प्रयासों के अभियान से इस भाव को न केवल पुनर्जीवित किया जा सकता है, बल्कि पर्यावरण को भी हरा-भरा बनाए रखा जा सकता है। इस नागरिक अभियान को ‘ग्रीन गुड डीड’ नाम दिया गया है, जिससे जुड़कर लोग ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, वृक्षारोपण, पुनर्चक्रण और सार्वजनिक वाहनों के उपयोग एवं कारपूल जैसे अपने छोटे-छोटे अच्छे कार्यों के जरिये योगदान दे सकते हैं। यह ऐप लोगों को इस अभियान से जोड़ने का माध्यम बन सकता है।”

 

ऐप के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि “यह ऐप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत को डिजिटल बनाने की पहल से प्रेरित है, जिसका उद्देश्य जनसाधारण से सीधा संवाद स्थापित करना है। यह बेहतर प्रशासन के लिए जनभागीदारी को सुनिश्चित करने का एक छोटा-सा प्रयास है।” 

 

उन्होंने कहा, “मेरा इस ऐप की मदद से अब आम लोग भी अपनी शिकायतों, आइडिया और सुझावों को वीडियो, टेक्स्ट और तस्वीरों के रूप में मुझे सीधे भेज सकते हैं। गूगल ऐप स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। नागरिकों को इस ऐप के जरिये अपनी हरित सामाजिक जिम्मेदारी को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक जानकारियां भी मिल सकती हैं। इस तरह यह ऐप लोगों से दोतरफा संवाद का सशक्त माध्यम बन सकता है।” 

 

(इंडिया साइंस वायर)

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