Lal Bahadur Shastri Birth Anniversary: लाल बहादुर शास्त्री ऐसे बने थे देश के दूसरे प्रधानमंत्री, जानिए अहम योगदान

By अनन्या मिश्रा | Oct 02, 2024

आज ही के दिन यानी की 02 अक्तूबर को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया। हालांकि इससे पहले तक वह देश के पूर्व गृहमंत्री के तौर पर जाना जाता था। देश के प्रधानमंत्री का पद मिलने के बाद शास्त्री ने अपने कार्यकाल में बेहतर कार्य किया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म औऱ परिवार

उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में 2 अक्तूबर 1904 को लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। बचपन में शास्त्री को नन्हें कहकर बुलाया जाता था। महज डेढ़ साल की उम्र में शास्त्री के सिर से पिता का साया उठ गया। जिसके बाद उनको चाचा के पास रहने के लिए भेज दिया गया। लाल बहादुर शास्त्री पढ़ाई करने के लिए मीलों दूर पैदल चलकर जाया करते थे। जब वह 16 साल के थे, तो उन्होंने देश की आजादी की जंग में शामिल होने का फैसला लिया। जिसके लिए शास्त्री ने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी। वहीं 17 साल की उम्र में उनको स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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बेहद विनम्र थे शास्त्री

जब लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री बनें, तो उस दौरान वह किसी राज्य के दौरे पर निकले। लेकिन आखिरी समय पर किसी कारण दौरे को रद्द करना पड़ा। बता दें कि इस दौरान शास्त्री जी के रुकने के लिए फर्स्ट क्लास की तैयारी की गई थी। जब यह बात शास्त्री को पता चली तो उन्होंने कहा कि थर्ड क्लास के व्यक्ति के लिए फर्स्ट क्लास के प्रबंधन की जरूरत नहीं है।


शास्त्री जी की ईमानदारी

देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद लाल बहादुर शास्त्री का जीवन एक साधारण व्यक्ति के जैसा रहा। वह कार्यकाल के दौरान मिलने वाले भत्ते और सैलरी के सहारे अपने परिवार का गुजारा करते थे। जब एक बार शास्त्री के बेटे ने प्रधानमंत्री कार्यालय की गाड़ी का उपयोग कर लिया था, तो लाल बहादुर शास्त्री ने सरकार के खाते में गाड़ी के निजी इस्तेमाल का पूरा भुगतान किया।


शास्त्री के पास न तो खुद का घर था और न ही संपत्ति थी। जब उनका निधन हुआ, तो उनके पास न तो जमीन-जायदाद थी और किसी का ऋण भी नहीं था। शास्त्री ने पीएम बनने पर फिएट गाड़ी खरीदने के लिए सरकार से पैसे लिए थे। जिसका लोन उनके परिवार को चुकाना था। जिसके लिए शास्त्री जी की पेंशन खर्च की गई थी।


निधन

लाल बहादुर शास्त्री का निधान आज भी रहस्य बना हुआ है। 11 जनवरी 1966 में लाल बहादुर शास्त्री का निधन उज्बेकिस्तान के ताशकंद में हुआ था। दरअसल, वह भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद के हालातों को लेकर समझौता करने ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान से मिलने गए थे। पाक राष्ट्रपति से मुलाकात करने के महज कुछ घंटों बाद लाल बहादुर शास्त्री की रहस्यमई तरीके से मौत हो गई।

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