'पाकिस्तान जिंदाबाद' नारे लगाने वालों को मिलेगा सबक, PFI बैन पर बोले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे

By रेनू तिवारी | Sep 28, 2022

नयी दिल्ली। पिछले काफी दिनों ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही हैं। अब तक देश के अलग-अलग राज्यों में 378 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका हैं। लगातार छापेमारी में पुलिस और जांच एजेंसियों कों संदिग्ध चीजें मिली हैं जिसके कारण अब केंद्रीय गृहमंत्रालय ने पीएफआई को बैन कर दिया है। भारत सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगा दिया है।


पीएफआई पर लगा बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि पीएफआई और उसके सहयोगी ऐसी विनाशकारी कृत्यों में शामिल रहे हैं, जिससे जन व्यवस्था प्रभावित हुई है, देश के संवैधानिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है और आतंक-आधारित शासन को प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उसे लागू करने की कोशिश की जा रही है। 

 

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महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने सरकार के फैसले का किया स्वागत

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने देश की अखंडता, संप्रभुता और कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश करने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने एक बयान जारी करके फैसले का समर्थन किया और कहा 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाली PFI को देश में इस तरह के नारे लगाने का कोई हक नहीं है. गृह मंत्रालय उस पर कार्रवाई करेगा। केंद्र सरकार ने सही फैसला लिया है। यह देशभक्तों का देश है। सीएम ने इस फैसले के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया।

बसवराज बोम्मई “राष्ट्र विरोधी तत्वों” को मिलेगा सबक

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से सभी “राष्ट्र विरोधी तत्वों” को संदेश जाएगा कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है। पीएफआई पर कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। बोम्मई ने कहा कि राज्य में पीएफआई की गतिविधियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “इस देश के लोगों और विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों की ओर से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी। पीएफआई, सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) और केएफडी (कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी) का अवतार है। ये राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हिंसा में लिप्त थे।” 

 

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बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पीएफआई के आका देश के बाहर स्थित हैं और उसके कुछ पदाधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सीमापार तक जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएफआई सभी तरह की असामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वाला संगठन है और इस पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, “इसकी पृष्ठभूमि में बहुत सारा काम किया गया, सूचनाएं एकत्र की गईं और मामला बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सही निर्णय लिया गया है।” बोम्मई ने कहा, “यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए संदेश है कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है। मैं लोगों से भी आग्रह करता हूं कि वे ऐसे संगठनों में शामिल न हों।” कर्नाटक में पीएफआई के मजबूत होने और उसके लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा, “जो कुछ भी जरूरी होगा वह किया जाएगा।


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