By अंकित सिंह | Nov 17, 2021
बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार अब और सख्त हो गई है। नीतीश सरकार पर शराबबंदी को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। विपक्ष यह दावा करता रहा है कि भले ही कहने के लिए बिहार में शराबबंदी है लेकिन शराब खुलेआम उपलब्ध हो जाता है। इसके साथ ही पुलिस पर भी कई आरोप लगाए जाते हैं। इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर 7 घंटे तक की मैराथन समीक्षा बैठक की। अपनी बैठक में नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शराबबंदी कानून को और प्रभावी बनाने के लिए गांव के चौकीदार से डीजीपी तक की जवाबदेही को तय कर दिया गया है।
नीतीश ने बैठक के दौरान कहा, 26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं। मंत्री, विधायक, विधान पार्षद सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। शराब को लेकर होने वाली हर गतिविधि पर पुलिस और संबंधित पदाधिकारियों की पैनी नजर होगी। चाहे कोई भी हो अगर वह शराबबंदी कानून का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इसके साथ ही राज्य से लगने वाली सीमाओं पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है।