फर्जी पहचानपत्र के आधार पर सिम प्राप्त कर बैंक खाताधारकों से धोखाधड़ी के आरोप में तीन पकड़े गए

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2022

नयी दिल्ली। फर्जी पहचान पत्र के आधार पर सिम कार्ड हासिल कर उसके जरिये कथित तौर पर सैकड़ों एचडीएफसी बैंक खाताधारकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 20 जून को गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 27-वर्षीय सन्नी कुमार सिंह, 28-वर्षीय कपिल और 21-वर्षीय प्रवीण रमेश के तौर पर की गई है, जबकि राकेश नामक आरोपी फरार है। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि आरोपियों के पास से 12 सिम कार्ड, पांच मोबाइल फोन, आठ डेबिट कार्ड और दो फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं।

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इसके साथ ही फर्जीवाड़ा में इस्तेमाल तीन बैंक खातों की भी पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि रुपयों के हस्तांतरण में इस्तेमाल दो फर्जी बैंक खातों की भी पहचान की गई है और उनकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि सन्नी रोहिणी में बैंक के क्रेडिट कार्ड बिक्री विभाग में कार्य करता था और लोगों से उनके खातों से जुड़े फोन नंबर, ई-मेल, पते और पहचान पत्र की जानकारी हासिल करता था। इस बीच, कपिल, प्रवीण और राकेश इन जानकारियों के आधार पर फर्जी पहचान पत्र बनाते थे और उनके आधार पर खाते से जुड़े फोन नंबर का सिमकार्ड दोबारा जारी करवाते थे। कलसी ने बताया, ‘‘हमारी टीम करीब दो हफ्ते से काम कर रही थी और अंतत: आरोपियों के ठिकाने, रोहिणी के जैन नगर, का पता लगाने में सफल रही।’’

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एचडीएफसी खाताधारक अजीह ने मई महीने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि उन्हें उनका सिमकार्ड दोबारा जारी होने और ई-मेल पते के पासवर्ड बदले जाने की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि बाद में पता चला कि उनका सिम दोबारा जारी किया गया है और जब उन्होंने खाते की जांच की तो पता चला कि उनके नाम से 11 लाख रुपये का ऋण लिया गया है। साथ ही उनके खाते से ऋण राशि से एक लाख रुपये दूसरे खाते में हस्तांतरित किये गये। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि रुपयों की लेनदेन और कॉल रिकॉर्ड की जांच के आधार पर जैन नगर में छापेमारी की कार्रवाई की गई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि राकेश को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में उत्तरी जिले के साइबर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा-420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

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