By मिताली जैन | May 13, 2019
गर्मी का मौसम आते ही एक स्वास्थ्य समस्या सबसे अधिक होती है, वह है फूड पॉइजनिंग। इस मौसम में अगर साफ−सफाई पर पूरा ध्यान न दिया जाए तो बैक्टीरिया के कारण खाने के दूषित होने की संभावना अधिक रहती है। फूड पॉइजनिंग होने पर पेट दर्द, जी मचलाना, सिरदर्द, थकान, उल्टी, दस्त व निर्जलीकरण के लक्षण दिखने लगते हैं। लेकिन अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो फूड पॉइजनिंग से आसानी से बचा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं इस टिप्स के बारे में−
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सफाई का रखें ख्याल
अगर फूड पॉइजनिंग से बचना है तो जरूरी है कि साफ−सफाई पर विशेष ध्यान दें। कुछ भी खाने या बनाने से पहले हाथ धोएं। साथ ही किचन का काउंटरटॉप व बर्तन भी अच्छी तरह साफ होने चाहिए। वहीं फल व सब्जियों को भी अच्छी तरह धोकर ही इस्तेमाल करें। इसके अतिरिक्त कभी भी अधपका भोजन न करें।
बचे खाने का स्टोरेज
अगर आपने जो खाना बनाया है, वह बच गया है तो उसे एक से डेढ़ घंटे के भीतर ही ठंडा करके फ्रिज में स्टोर कर दें। इतना ही नहीं, आप फ्रिज के बचे हुए भोजन को दो दिन से अधिक प्रयोग न करें। इसके अतिरिक्त भोजन को कभी भी खुला न छोड़ें। कोशिश करें कि आप भोजन बनाते समय और बनाने के बाद उसे ढककर रखें ताकि मच्छर उसे दूषित न कर सकें।
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एक्सपायरी डेट
अक्सर देखने में आता है कि कुछ चीजों की डेट एक्सपायर हो जाती है और लोग लालच में आकर सोचते हैं कि अभी डेट निकले हुए एक−दो दिन ही हुए हैं और उसका प्रयोग कर लेते हैं। ऐसा भूल से भी न करें, भले ही भोजन देखने व स्मेल करने में सही लग रहा हो। दरअसल, उपयोग−आधारित तिथियां वैज्ञानिक परीक्षणों पर आधारित होती हैं जो दिखाती हैं कि पैक किए गए भोजन में हानिकारक कीड़े कितनी जल्दी विकसित हो सकते हैं।
बाहर का खाना
इस मौसम में वैसे भी तेज मसालेदार भोजन से परहेज करने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर आप फूड पॉइजनिंग से बचना चाहते हैं तो बाहर का खाना अवॉयड ही करें। दरअसल, बाहर भोजन बनाते समय स्वच्छता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता। जिसके कारण फूड पॉइजनिंग होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
मिताली जैन