By टीम प्रभासाक्षी | Sep 15, 2021
अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार की घोषणा करने के बाद तालिबान ने देश का शासन चलाने के लिए इस्लाम के शरिया कानून को अपनाया है। शरिया कानून महिलाओं पर पाबंदियों को लेकर काफी सख्त माना जाता है। इसी के चलते तालिबानी सरकार ने महिलाओं के पहनावे पर पाबंदियाँ लगाना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर कई महिलायें तालिबानियों का कड़ा विरोध कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कई महिलायें तालिबान के समर्थन में आगे आ रहीं हैं। इन सबके बीच खबर यह है कि पंजशीर में तालिबान ने 20 नागरिकों की बर्बरता से हत्या कर दी।
तालिबान में महिलाओं के बने दो गुट! पहला कर रहा 'हिजाब' का समर्थन, दूसरे के लिए आजादी बड़ी
तालिबानी सरकार के अनुसार देश में इस्लाम के शरिया कानून को अपनाया गया है और इसी के अनुसार देश का शासन चलाया जाएगा। शरिया कानून महिलाओं की पाबंदियों को लेकर काफी सख्त है। तालिबान के राज में पहले ही स्कूल में महिला और पुरुषों की कक्षा को अलग-अलग कर दिया गया था। अब महिलाओं के पहनावे को लेकर काफी तर्चा है। जैसा कि शरिया में माना जाता है कि महिलाओ को इतना ढककर रहना चाहिए कि शरीर का एक हिस्सा भी दूसरा मर्द न देख सके। इसके लिए हाथों में दस्ताने, पैरों में जुर्राबें और सिर से लेकर पैर की आखिरी उंगली तक लंबा हिजाब ही औरतों को पहनना चाहिए। इसके अलावा कई नियम है जो महिलाओं की आजादी ता विरोध करते हैं।
आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की दोहरी नीति जग जाहिर है, लेकिन अब अफगानिस्तान को लेकर भी उसका डबल गेम दुनिया के सामने आ गया है। पाकिस्तान की इस दोहरी नीति को अमेरिका ने बेनकाब किया है। इसके साथ ही अमेरिका अब अफगानिस्तान के पूरे घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठा सकता है। बाइडेन प्रशासन की ओर से इसके संकेत भी दे दिए गए हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों की नए सिरे से समीक्षा करने का फैसला कर सकता है।
भारत और अर्मेनिया की सेना दुश्मन पर भावा बोलती नजर आई। बाकी देशों की सेना बम बरसाने में जुटी है। हालात ऐसे हो गए कि धरती कांपने लगी। वहीं दुश्मन के दिल पर दहशत साफ नजर आ रही है। पूरे हालात की समीक्षा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद करते दिखे। दरअसल, ये किसी वॉर की कहानी नहीं बल्कि अभ्यास का हाले-बयां है। दरअसल, रूस के नोवोग्राड क्षेत्र में भारत समेत 17 देशों की सेनाएं जैपाड सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं। भारतीय सेना समेत बाकी देशों की सेना यहां पर बम बरसाने में जुटी है। सैन्य अभ्यास की वजह से हालात ऐसे हैं कि धरती कांप रही है और दुश्मन के दिल पर दहशत साफ नजर आ रही है।
राष्ट्रपति भवन के अंदर आपस में ही लड़ने लगे तालिबानी, फैला दी मुल्ला बरादर के निधन की झूठी खबर
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा करने के कुछ दिनों बाद काबुल में राष्ट्रपति भवन में उसके शीर्ष नेताओं के बीच एक बड़ा विवाद की सूचना सामने आयी है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान में दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के समर्थकों के बीच प्रेसिडेंशियल पैलेस में कहासुनी हो गई। हालांकि तालिबान ने ऐसी खबरों का खंडन किया है लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नयी सरकार के हालात ठीक नहीं है। तालिबान के सह-संस्थापक और उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के कई दिनों तक गायब रहने के बाद समूह के भीतर विवाद सामने आया।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां लगातार अफरा-तफरी का माहौल है। इन सब के बीच अब भी अफगानिस्तान के प्रांत पंजशीर में तालिबान का पूरी तरह से कब्जा नहीं हो सका है। यही कारण है कि पंजशीर घाटी को पूरी तरह से अपने कब्जे में लेने के लिए तालिबान वहां खूनी खेल खेल रहा है। पंजशीर में नॉर्दन एलायंस के लड़ाके तालिबान पर लगातार हमले कर रहे हैं। इन सबके बीच खबर यह है कि पंजशीर में तालिबान ने 20 नागरिकों की बर्बरता से हत्या कर दी। विभिन्न रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इन 20 लोगों में ऐसे लोग शामिल है जिनका इस लड़ाई से कोई लेना-देना ही नहीं है। एक अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक पंजशीर में तालिबान ने पूरी तरह से संचार व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया है।