सीतारमण बोलीं, कोविड-19 संकट से सीखे गए सबक पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 16, 2021

वाशिंगटन।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने कोविड-19 संकट से जो सबक सीखे हैं उन पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महामारी के बाद दुनिया पहले की तरह नहीं होगी। सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर आने से बहुत पहले सरकार ने प्रोत्साहन पैकेज दिया था और वह अर्थव्यवस्था के फिर से पटरी पर लौटने का इंतजार कर रही थी। सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में अपनी बैठकें खत्म होने के बाद भारतीय पत्रकारों के एक समूह को बताया कि उस चरण के दौरान और दूसरी लहर के बाद, उन्होंने जो कोई भी कदम उठाया उसके लिए ‘‘उनके पास निर्भर रहने के लिए कोई मिसाल’’ नहीं थी।

इसे भी पढ़ें: बाजार में तेजी जारी, सेंसेक्स 569 अंक उछलकर पहली बार 61,000 के ऊपर बंद

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से (कोविड-19 संकट से सीखे गए) सबक पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।’’ सीतारमण ने कहा कि वे उस तरह के उपाय नहीं थे, जो भारत अकेले कर रहा था। उन्होंने कहा कि दुनिया का हर देश इस संकट से प्रभावित हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, तुरंत पीछे पलटकर देखने और पिछले साल के अनुभव पर गौर करने के मामले में मुझे लगता है कि यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी कि इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था।’’ सीतारमण ने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा कि पहले से कोई उदाहरण नहीं था और इस छोटी सी डेढ़ साल की अवधि से इसका आकलन करने पर इसकी गुंजाइश सीमित हो सकती है।’’ एक सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के बाद की दुनिया पहले की तरह नहीं होने वाली। सीतारमण ने कहा, ‘‘भारत की प्राथमिकताएं निश्चित रूप से इस तथ्य के आधार पर हैं... जैसा कि हममें से अधिकांश इस बात पर सहमत होंगे कि महामारी के बाद यह वास्तव में वही दुनिया नहीं होगी, चाहे वह विनिर्माण का क्षेत्र हो या श्रम का क्षेत्र।’’ उन्होंने कहा कि मुद्दे पहले की तुलना में काफी अलग होने जा रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में दुनिया भर में बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: सेंसेक्स 350 अंक चढ़कर पहली बार 61,000 के पार, निफ्टी 18,200 से आगे निकला

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘किसी एक क्षेत्र की बात नहीं है, हर क्षेत्र में ऐसा हो रहा है। वैश्विक संस्थानों में निश्चित रूप से बहुत विचार हुआ है। यह भी देखा जा रहा है कि कैसे राष्ट्रों के बीच अधिक से अधिक तालमेल हो सकता है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके।’’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘और जहां तक भविष्य में महामारी या ऐसी आपात स्थिति के लिए तैयार होने के मुद्दे हैं, जहां देशों को एक दूसरे की मदद करने की जरूरत होगी, तो इस बार हमने जो किया, उससे बेहतर करने का तरीका होगा।

प्रमुख खबरें

Mehbooba Mufti को मत मांगने के लिए बच्ची का इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी

BSF के जवान ने अज्ञात कारणों के चलते BSF चौकी परिसर में फाँसी लगाकर की आत्महत्या

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा