By अभिनय आकाश | Jul 18, 2025
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अप्रवासियों को निर्वासित करना और गरीबों के लिए मेडिकेड लाभों में कटौती जैसी विवादास्पद नीतियों के खिलाफ पूरे अमेरिका में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। 1,600 से ज़्यादा जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों को 'गुड ट्रबल लाइव्स ऑन' नाम दिया गया है, जो दिवंगत सांसद और मानवाधिकार कार्यकर्ता जॉन लुईस को समर्पित दिन है। आयोजकों ने लोगों से विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रखने का आग्रह किया। शिकागो विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र था। दोपहर में प्रदर्शनकारी शहर के केंद्र में एकत्र हुए। शिकागो में रैली के दौरान कैंडिल लाइट मार्च निकाला गया।
पब्लिक सिटिजन समूह की सह-अध्यक्ष लिसा गिल्बर्ट ने मंगलवार को कहा कि हम अपने देश के इतिहास के सबसे भयावह समय से गुजर रहे हैं। हम सरकार में बढ़ती तानाशाही और अराजकता का सामना कर रहे हैं, जो हमारी लोकतांत्रिक स्वतंत्रता और अधिकारों को चुनौती दे रही है। पब्लिक सिटीजन ग्रुप एक गैर-लाभकारी संगठन (एनजीओ) है जो बड़े कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ काम करता है। ये प्रदर्शन विशेष रूप से अटलांटा, सेंट लुईस, ओकलैंड (कैलिफोर्निया) और एनापोलिस (मैरीलैंड) में आयोजित किये जायेंगे।
जॉन लुईस का 2020 में 80 वर्ष की आयु में कैंसर से निधन हो गया। वह मार्टिन लूथर किंग जूनियर के नेतृत्व वाले नागरिक अधिकार आंदोलन के "बिग सिक्स" नेताओं में से एक थे। लुईस ने 1965 में 'ब्लडी संडे' मार्च का आयोजन किया, जिसमें 600 लोगों ने मतदान के अधिकार के लिए अलबामा के एडमंड पेट्टस ब्रिज पर मार्च किया। इस दौरान पुलिस ने उन पर हमला कर दिया। इस दौरान लुईस की खोपड़ी टूट गई। इस घटना ने 1965 के मतदान अधिकार अधिनियम के पारित होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमेरिका के सबसे खूबसूरत और दूसरे सबसे बड़े शहर लांस एजिल्स में जून के महीने में हालात तनावपूर्ण हो गए थे। डाउनटाउन में कर्फ्यू लगाना पड़ गया था। 23 शो रूम में लूट पाट किया गया था। हजारों की तादाद में पुलिसवाले नेशनल गार्ड्स की मदद से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। पुलिस की सख्ती के बाद लांस एजिल्स में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला थमा था। अमेरिका ने करीब 12 राज्यों के 25 शहरों में ट्रम्प सरकार की आव्रजन नीति और लॉस एंजिल्स में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे। सैन फ्रांसिस्को, डलास, ऑस्टिन, टेक्सास और न्यूयॉर्क में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने घोषणा की कि ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए लॉस एंजिलिस में तैनात किए गए नेशनल गार्ड के 2,000 जवानों को वापस बुलाया जा रहा है। लॉस एंजिलिस में जून की शुरुआत से ही नेशनल गार्ड के लगभग 4,000 जवान और 700 ‘मरीन’ तैनात हैं। जिनमें से जवानों की संख्या आधी करने का निर्णय लिया गया है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जवानों को वापस क्यों बुलाया जा रहा है और शेष जवानों को कब तक तैनात रखा जाएगा।