By अनन्या मिश्रा | Nov 11, 2025
दांत का दर्द ऐसा दर्द होता है, जोकि बर्दाश्त नहीं होता है। जब दांत का दर्द अचानक से शुरू हो जाता है और कई बार रात के समय यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि नींद भी उड़ जाती है। ऐसे में इस दर्द से राहत पाने के लिए महंगी पेनकिलर खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रसोई में मौजूद कुछ चीजें आपके दांत दर्द को पलक झपकते ही कम कर सकती हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके साथ दादी-नानी के जमाने का एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा शेयर करने जा रहे हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट्स के आपको मिनटों में राहत दे सकता है।
इस नुस्खे की खासियत यह है कि इसके लिए आपको सिर्फ 5 रुपए का खर्च आएगा और यह नुस्खा आपको किसी भी पेनकिलर से कई गुना ज्यादा तेजी से असर करता है। तो आइए जानते हैं इस आयुर्वेदिक असरदार नुस्खे के बारे में...
काली मिर्च- एक चुटकी
लौंग का पाउडर- एक चुटकी (या एक पिसी हुई लौंग)
सरसों का तेल- कुछ बूंदें
एक छोटी सी कटोरी में लौंग का पाउडर और काली मिर्च डालें।
अब इसमें 3-4 बूंद सरसों का तेल मिलाएं।
फिर तीनों को अच्छे से मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाएं।
इसके बाद पेस्ट को हल्के हाथों से दांत या मसूड़े वाली जगह के आसपास लगाएं।
इस पेस्ट को 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
वहीं 20 मिनट बाद ही आराम महसूस होगा।
बता दें कि यह पावरफुल पेस्ट दर्द को नेचुरल तरीके से कम करता है और इंफेक्शन से भी लड़ता है। लौंग का पाउडर यूजेनॉल से भरपूर होता है और यह एक पावरफुल एनेस्थेटिक है। यह दर्द वाले हिस्से को सुन्न करता है और सूजन को कम करता है।
काली मिर्च में पिपेरिन नामक तत्व पाया जाता है। यह एक नेचुरल पेनकिलर है और यह मसूड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इससे दर्द के सिग्नल ब्रेन तक कम पहुंचते हैं।
सरसों के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह वाहक के तौर पर काम करता है। जोकि काली मिर्च और लौंग के गुणों को मसूड़ों की गहराई तक ले जाता है। इसमें मौजूद गुण बैक्टीरिया और इंफेक्शन से लड़कर दर्द को जड़ से खत्म करने का काम करता है।
सरसों के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी मौजूद होते हैं। यह मसूड़ों की सूजन को कम करते हैं और मजबूत बनाते हैं।
काली मिर्च में पिपेरिन पाया जाता है और यह मसूड़ों के टिश्यू में बल्ड सर्कुलेशन बढ़ाता है। इससे दांतों की जड़ें मजबूत होती हैं और दर्द में भी राहत मिलती है।
लौंग और सरसों के तेल का कॉम्बिनेशन मुंह में मौजूद हानिकारिक बैक्टीरिया को खत्म करता है। जिस कारण मुंह की बदबू और इंफेक्शन दोनों ही कम होते हैं।
यह पेस्ट नेचुरल एंटी-सेप्टिक की तरह काम करता है। यह पेस्ट दांतों की सतह को साफ करता है और मसूड़ों में फंसी बैक्टीरिया भी खत्म होती है।
लौंग में मौजूद यूजेनॉल तत्व और सरसों के तेल में मौजूद गुण दांतों पर बनने वाले प्लाक को कम करता है। यह कैविटी से भी बचाव करता है।
जिन लोगों के दांतों से ब्रश करते समय ब्लड आता है, तो उनके लिए यह नुस्खा काफी उपयोगी है। यह इंफेक्शन और सूजन को शांत करने के साथ मसूड़ों को भी हेल्दी बनाता है।
यह पेस्ट एंटी-माइक्रोबियस गुणों से भरपूर होता है। जोकि लंबे समय तक ताजगी का एहसास दिलाता है।
सरसों के तेल और काली मिर्च का पेस्ट हल्का एक्सफोलिएटिंग असर देता है, जोकि दांतों से पीलापन कम करने के साथ दांतों को नेचुरली सफेद बनाता है।
लौंग में दर्द को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं और सरसों के तेल की गर्माहट मिलकर नसों को शांत करते हैं और दांत दर्द को भी दूर करने में सहायक होता है।
अगली बार जब भी आपके दांत में दर्द हो, तो पेनकिलर की जगह इस आयुर्वेदि नुस्खे को जरूर आजमाएं। यह नुस्खा इंस्टेंट रिलीफ देता है और ओरल हेल्थ भी अच्छा रखता है। इससे आपके दांत और मसूड़े अंदरे से मजबूत होंगे। आप इस बात ध्यान रखें कि यह नुस्खा आपको अस्थायी रूप से राहत दे सकता है। वहीं अगर बार-बार दर्द हो रहा है या तेज दर्द होता है, तो असली वजह का पता लगाने के लिए आप डेंटिस्ट के पास जाएं।