By टीम प्रभासक्षी | Oct 27, 2021
नयी दिल्ली। कॉविड माहामारी के समय चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ी हालत के सुधार में लगी सरकार ने इस ओर एक बढ़ा कदम उठाया है। इस कड़ी में गेश में सरकार दो ऐसे सचल अस्पतालों को निर्माण करेगी जो आपातकाल की स्थिति में कही भी दूसरी जगह प्लान या ट्रेन के माध्यम से ले जाया जा सकेगा। दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केंद्र सरकार द्वारा कंटेनर आधारित दो सचल अस्पताल स्थापित करने की बात की है। जिसमें 100-100 बेड के साथ इन अस्पतालों में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा
सचल अस्पतालों की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा- प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत ये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। इन्हें आपात स्थिति में किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकेगा। जागरण खबर के मुताबिक, आगे मनसुख मांडविया ने बताया कि इनमें दो अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। जो एक दिल्ली और एक चेन्नई में स्थापित होगा। आपको बता दें कि, इन अस्पतालों को आपात स्थिति में हवाई मार्ग से या ट्रेन के जरिये कहीं भी ले जाया जा सकता है।
कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने का दिया अवसर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य ने आगे बताया कि 'केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र के प्रति 'प्रतीकात्मक' नहीं, बल्कि 'समग्र' दृष्टिकोण अपनाया है।' उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर दिया है और इसके लिए 64,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 'प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन' की शुरुआत की गई।
जायकोव-डी की कीमत पर विचार चल रहा है
मांडविया ने बच्चों के टीके पर बात करते हुए कहा कि बच्चों के टीके जायकोव-डी की कीमत पर विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कोरोना के नए स्वरूप एवाई.4.2 के बारे में कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के दल संक्रमण के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन एवं विश्लेषण कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की योजना
स्वास्थ्य सेवाओं को सुझार करने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन एक ऐसी 'महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत एक जिले में औसतन 90 से 100 करोड़ रुपये का खर्च स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा जिसकी मदद से हम आने वाले समय में किसी भी आपदा से लड़ने में सक्षम होंगे।'आगे उन्होंने बताया कि, 'इस योजना के तहत जिला स्तर पर 134 प्रकार की जांच नि:शुल्क की जाएंगी, जो एक बड़ा कदम है।'