By अनन्या मिश्रा | Dec 26, 2025
आज ही के दिन यानी की 26 दिसंबर को क्रांतिकारी उधम सिंह का जन्म हुआ था। उधम सिंह का नाम उस सांप की तरह लिया जाता है, जो अपने दुश्मनों को कभी नहीं भूलता है। भारत के इस वीर सपूत ने अंग्रेजों के खिलाफ हुई क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार का बदला लेने के लिए ब्रिटेन गए थे और अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी थी। उधम सिंह देश की आजादी की लड़ाई में भगत सिंह से प्रेरित थे।
पंजाब के संगरूर में 26 दिसंबर 1899 को उधम सिंह का जन्म हुआ था। इनके बचपन का नाम शेर सिंह था। उन्होंने छोटी उम्र में ही माता-पिता और अपने भाई को खो दिया था। जिसके बाद वह अमृतसर के खालसा अनाथालय में पले बढ़े। साल 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उधम सिंह को झझकोर दिया था। 13 अप्रैल को बैशाखी के दिन ब्रिगेडियर जनरल डायर के आदेश पर निहत्थे लोगों पर गोलियां चली थीं। इस घटना ने उधम सिंह के दिल में बदले की आग जला दी थी।
उधम सिंह ने भगत सिंह से प्रेरित होकर क्रांतिकारी आंदोलन में कदम रखा। साल 1927 में देशद्रोही साहित्य और हथियार के आरोप में वह जेल गए। जहां पर उनकी मुलाकात भगत सिंह हुई। इस मुलाकात से उनके इरादे और मजबूत हुए। जेल से रिहाई के बाद उन्होंने लंदन की राह पकड़ी। यहां पर उधम सिंह ने जलियांवाला बाग के लिए जिम्मेदार जनरल ओ डायर को सबक सिखाने की ठानी। वहीं 13 मार्च 1940 को उधम सिंह ने लंदन के कैक्सटोन हॉल में जनरल ओ डायर को दो गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया।
जिसके बाद उधम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्होंने मुकदमे में गर्व से कहा, 'उन्होंने ऐसा अपने देश के लिए किया।' फिर 31 जुलाई 1940 को लंदन की पेंटनविले जेल में फांसी दी गई। लेकिन उधम सिंह का नाम बलिदान स्वतंत्रता संग्राम में हमेशा के लिए अमर हो गया।