UN अधिकारियों ने श्रीलंका में बढ़ी साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर व्यक्त की चिंता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 14, 2019

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के दो शीर्ष अधिकारियों ने ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए आतंकवादी हमलों के बाद से बढ़ी साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि समूहों के बीच पूर्वाग्रह एवं नफरत को सहन नहीं किया जाए। अधिकारियों ने जोर देकर कहा, ‘‘श्रीलंकाई होने का मतलब’’ एक बौद्ध, हिंदू, मुसलमान और ईसाई होना है। नरसंहार की रोकथाम के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार अदामा डींग और रक्षा संबंधी जिम्मेदारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार कैरेन स्मिथ ने श्रीलंका में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों संबंधी संयुक्त बयान में कहा कि वे श्रीलंका के ‘नॉर्थ वेस्टर्न’ प्रांत में धर्म के आधार पर हिंसात्मक घटनाएं बढ़ने को लेकर चिंतित हैं।

इसे भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र के प्लास्टिक कचरा समझौते पर अमेरिका नहीं हुआ राजी

विशेष सलाहकारों ने उल्लेख किया कि श्रीलंका में आतंकवादी हमले के बाद से मुसलमान और ईसाई समुदायों के खिलाफ हमले बढ़े हैं। श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए आतंकवादी हमलों में करीब 260 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। विशेष सलाहकारों ने कहा कि श्रीलंका एक बहुलवादी समाज है। श्रीलंकाई होने का मतलब एक बौद्ध, एक हिंदू, एक मुसलमान और एक ईसाई होना है। इन सभी समुदायों को अपने धर्म का स्वतंत्रता से पालन करने और शांति एवं सुरक्षा के माहौल में रहने का हक है। श्रीलंका सरकार ने साम्प्रदायिक हिंसा बढ़ने के बीच सोमवार को देशभर में कर्फ्यू लगा दिया था और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

प्रमुख खबरें

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा

इस सप्ताह तीन कंपनियां लाएंगी IPO, 6,400 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद

दो साल में आवास ऋण बकाया 10 लाख करोड़ रुपये बढ़ा : RBI आंकड़े