By रेनू तिवारी | Feb 07, 2021
उत्तराखंड में आयी त्रासदी के बीच एक राहत की खबर आ रही है कि त्रासदी के दौरान एनटीपीसी प्रोजेक्ट के पास सुरंग में फंसे सभी 16 लोगों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाल लिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी में जानकारी में ये बात कहीं गयी है कि एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवानों ने 16 लोगों को निकाल लिया है। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। इस दौरान 150 से ज्यादा लोग सैलाब में बह गये थे।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि बाढ़ के बाद करीब 50-100 लोग लापता हैं। 10 लोगों शव मिले हैं तथा कुछ घायलों को बचाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति नियंत्रण में है।
एनटीपीसी लिमिटेड के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, "उत्तराखंड में तपोवन के पास एक हिमस्खलन ने क्षेत्र में हमारे निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना के एक हिस्से को नुकसान पहुंचाया है। जबकि बचाव अभियान जारी है, जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। रेनी गांव में एनटीपीसी परियोजना में 120 कर्मचारी रोस्टर के अनुसार साइट पर काम कर रहे थे। इसके अलावा कुछ ऐसे भी कर्मचारी थे जिनका नाम रोस्टर में नहीं था। निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना सैलाब के कारण पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस तबाही से तपोवन परियोजना को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
एनटीपीसी परियोजना के निकट टनल में फंसे लोग
एनटीपीसी परियोजना पर काम कर रहे लोगों में से 15-20 लोग पास की सुरंग के अंदर फंस गए थे और उन्हें बचाने के लिए आईटीबीपी के जवान तैनात किए गये थे। ITBP कर्मी तपोवन सुरंग खोद रहे थे जो मलबे के कारण अवरुद्ध हो गई थी। खुदाई के बाद सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। माना जाता है कि ग्लेशियर के पास के दो गाँवों और 3-4 चरवाहों को सैलाब द्वारा बहा लिया गया है।