By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 08, 2020
वसुंधरा की ये मुलाकातें इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि पिछले महीने से शुरू हुए राजनीतिक संकट के दौरान वह जयपुर में हुई भाजपा की बैठकों से अलग रही हैं और उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे रखी। गौरतलब है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के कुछ अन्य विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी रुख अपनाने के कारण राजस्थान में पिछले कुछ हफ्तों से राजनीतिक उठापटक चल रही है। कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पदों से हटा दिया था।
राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से आरंभ हो रहा है। संभावना है कि गहलोत इस दौरान विश्वास मत का प्रस्ताव ला सकते हैं। जानकारों का मानना है कि गहलोत के पास संख्याबल है और वे बहुमत साबित करने को लेकर आश्वस्त हैं। भाजपा का एक वर्ग कांग्रेस के बागी विधायकों के समर्थन से गहलोत सरकार को गिराना चाहता है लेकिन सूत्रों की मानें तो वसुंधरा इसके पक्ष में नहीं हैं।