जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) की सफलता ने जल की दृष्टि से राजस्थान की तस्वीर बदल दी है। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के चौथे चरण के शुरूआत कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजे ने कहा कि जो राजस्थान कल तक सूखे प्रदेश के रूप जाना जाता था आज वह पूरी दुनिया में जल संचय की मिसाल बन गया है। आने वाले समय में इस अभियान से राजस्थान की तकदीर बदल जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘चौथे चरण में करीब 4 हजार गांवों में जल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले चरणों में हम सफलता के नए कीर्तिमान बनाएंगे।’’ राजे ने कहा कि इस अभियान में शामिल गांवों में औसतन 4.66 फुट भूजल स्तर बढ़ गया है, 63 प्रतिशत हैंडपम्प में दोबारा पानी आ गया है, 20 प्रतिशत ट्यूबवेल दोबारा एक्टिव हो गए हैं। साथ ही टैंकर आपूर्ति में करीब 56 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान से जल क्रांति ही नहीं वन क्रांति को भी जोड़ा गया। प्रदेशभर में लगाए गए डेढ़ करोड़ पौधों से हरियाली फैल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियान के तीन चरणों में 12 हजार 56 गांवों में 3 लाख 80 हजार से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण हुआ है। जिनमें से अधिकतर जल से लबालब हैं।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि यह अभियान जल संकट के समाधान के लिए क्रांतिकारी अभियान है जिसे ब्रिक्स देशों ने भी सराहा है। दक्षिण अफ्रीका ने तो इस अभियान को अपने यहां भी शुरू किया है।