BHU में बोले अमित शाह, वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति नहीं बनती इतिहास

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 17, 2019

वाराणसी। भारत के दृष्टिकोण से इतिहास के पुनर्लेखन पर जोर देते हुये केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को कहा कि वीर सावरकर न होते तो 1857 की क्रांति इतिहास न बनती और उसे भी हम अंग्रेजों की दृष्टि से ही देखते। दो दिन पहले ही भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा कि पार्टी केंद्र सरकार से वी डी सावरकर को भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने को कहेगी। गृह मंत्री ने कहा कि वीर सावरकर ने ही 1857 की क्रांति को पहले स्वतंत्रता संग्राम का नाम देने का काम किया वरना आज भी हमारे बच्चे उसे विद्रोह के नाम से जानते।

इसे भी पढ़ें: मनमोहन सरकार के समय पाक से आकर आतंकी भारत में फैलाते थे आतंक: शाह

उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में ‘गुप्तवंशक वीर: स्कंदगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुन:स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य  विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि वामपंथियों को, अंग्रेज इतिहासकारों को दोष देने से कुछ नहीं होगा। हमें अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा। क्या इतिहासकार पुर्नलेखन नहीं कर सकते हैं। कोई नही रोकता है। शाह ने कहा कि अब समय आया है हमारे देश के इतिहासकारों को एक नये दृष्टिकोण के साथ इतिहास को लिखने का। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में आज देश फिर से एक बार अपनी गरिमा प्राप्त कर रहा है, आज पूरीदुनिया के अंदर भारत का सम्मान मोदी जी के नेतृत्व में बढ़ा है। 

प्रमुख खबरें

Mandi के लिए पारिस्थितिकी-पर्यटन को बढ़ावा देना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता : Vikramaditya Singh

Rajasthan: पुलिस ने ट्रक से 3.50 करोड़ रुपये का मादक पदार्थ जब्त किया, चालक गिरफ्तार

BJP सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर, 40 फीसदी तक कमीशन लिया जा रहा : Digvijay Singh

Pune luxury car हादसा : आरोपी नाबालिग के पिता और बार के खिलाफ होगा मामला दर्ज