By अनन्या मिश्रा | Nov 26, 2025
आज ही के दिन यानी की 26 नवंबर को भारत में श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था। वह 'मिल्क मैन ऑफ इंडिया' के नाम से मशहूर थे। उन्होंने साल 1946 में गुजरात के आणंद में देश के सबसे पॉपुलर डेयरी ब्रांड अमूल की शुरूआत की थी। इसके अलावा वर्गीज कुरियन ने 'ऑपरेशन फ्लड' के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के काम किया था। साथ ही लाखों किसानों को आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर डॉ वर्गीज कुरियन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
केरल के कोझिकोड में एक समृद्ध सिरियन ईसाई परिवार में 26 नवंबर 1921 को वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था। इनके पिता सरकारी सर्जन थे। कुरियन ने साल 1940 में चेन्नई के लोयोला कॉलेज से स्नातक और 1943 में गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। फिर साल 1948 में उन्होंने अमेरिका के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स किया।
साल 1949 में भारत लौटने पर सरकार के साथ बांड की अवधि को पूरा करने के लिए वर्गीज कुरियन को गुजरात के आनंद में डेयरी डिवीजन में भेजा गया। यहां पर कुरियन की मुलाकात त्रिभुवनदास पटेल से हुई। त्रिभुवनदास पटेल किसानों को एकजुट कर दूध सहकारी समितियों की स्थापना के लिए संघर्ष कर रहे थे। ऐसे में वर्गीज कुरियन ने त्रिभुवनदास के साथ मिलकर साल 1946 में कैरा डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन लिमिटेड की स्थापना की थी। जोकि बाद में 'अमूल' बना।
इसके बाद कुरियन के दोस्त एच एम दयाला ने भैंस के दूध से मिल्क पाउडर और कंडेंस्ड मिल्क बनाने की तकनीक विकसित किया। इस तकनीक ने भारतीय डेयरी इंडस्ट्री को क्रांतिकारी बदलाव दिया। पहले सिर्फ गाय के दूध से यह प्रोडक्ट बनाए जाते थे, इस इनोवेशन ने भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कुरियन के आनंद मॉडल को देखते हुए साल 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की स्थापना की। वहीं इस बोर्ड का कुरियन को पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया। फिर साल 1970 में शुरू हुए 'ऑपरेशन फ्लड' ने भारत के दूध प्रोडक्शन को साल 1968-69 में 23.3 मिलियन टन से साल 2006-07 में 100.9 मिलियन टन बढ़ाया। फिर 25 सालों में 1700 करोड़ रुपए के निवेश से यह दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम बना। साल 1998 में भारत ने अमेरिका को पीछे छोड़कर विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनने का गौरव हासिल किया।
डॉ वर्गीज कुरियन को साल 1963 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, साल 1989 में वर्ल्ड फूड प्राइज और फिर साल 1999 में पद्म विभूषण सहित कई सम्मान मिले।
वहीं 09 सितंबर 2012 को 90 वर्ष की आयु में गुजरात के नडियाद में डॉ वर्गीज कुरियन ने अंतिम सांस ली।