आखिरी लेख में मोदी सरकार से बोले नैयर, पूर्वोत्तर में अपना हिंदुत्व दर्शन न थोपें

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2018

मुंबई। अपने निधन से कुछ ही घंटों पहले वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर ने एक आलेख लिखा था, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार से कहा था कि वह पूर्वोत्तर में अपने ‘हिंदुत्व के दर्शन’ थोपने की बजाय उस क्षेत्र के विकास और सुशासन पर ध्यान दे। नैयर (95) का निधन 22 अगस्त की रात करीब 12:30 बजे दिल्ली के एक अस्पताल में हुआ। लोकमत टाइम्स’ के नागपुर संस्करण में ‘‘इमिग्रेंट्स ऑर वोट बैंक्स (प्रवासी या वोट बैंक)’’ शीर्षक से प्रकाशित इस आलेख में नैयर ने यह भी लिखा कि यदि अवैध प्रवासियों पर लगाम लगाने और उन्हें भारत से वापस भेजने सहित पर्याप्त उपाय नहीं किए गए तो अवैध आव्रजन भारत के लिए सुरक्षा चुनौती बना रहेगा।

नैयर ने लिखा कि केंद्र सरकार को पूर्वोत्तर में लंबित अंतर-राज्यीय मुद्दे, खासकर नगालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के साथ असम का सीमा विवाद, सुलझाने के लिए कदम उठाने चाहिए। जानेमाने पत्रकार, स्तंभकार और लेखक नैयर ने लिखा कि मिजोरम और नगालैंड के साथ मणिपुर का भी सीमा विवाद है। फिर भी देश के कुछ हिस्सों में पूर्वोत्तर के लोगों, खासकर छात्र समुदाय, को प्रताड़ित करने जैसे कई अहम मुद्दों पर पूरा क्षेत्र एकजुट रहता है।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के सात में से छह राज्यों में भाजपा की अच्छी पैठ हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी पार्टी अच्छी तरह जानती है कि इस क्षेत्र में राजनीतिक वफादारी बहुत तेजी से बदल सकती है। नैयर ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए कई उपाय किए हैं और क्षेत्र के लोगों को भावनात्मक तौर पर जोड़ने के प्रयास किए हैं।

आलेख में उन्होंने लिखा, ‘सत्ताधारी भाजपा को याद रखना चाहिए कि पूर्वोत्तर एक बहुलवादी समाज है जहां हिंदी पट्टी की तरह ज्यादा सांप्रदायिक हिंसा नहीं होती। सबसे पहले केंद्र को अपने हिंदुत्व के दर्शन थोपने की बजाय विकास एवं सुशासन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि अगले साल होने जा रहे आम चुनावों के मद्देनजर भाजपा पूर्वोत्तर की समस्याओं की अनदेखी नहीं कर सकती।

नैयर ने लिखा कि क्षेत्र की 25 लोकसभा सीटों में असम से सबसे ज्यादा 14 सदस्य होते हैं और मोदी के लिए हर सीट जीतना जरूरी है। ‘लोकमत’ अखबार के समूह संपादक दिनकर रायकर ने बताया कि समूह के मराठी अखबार ‘लोकमत’ में यह आलेख कल प्रकाशित किया जाएगा। रायकर ने बताया कि नैयर कुछ साल तक दिल्ली में ‘लोकमत’ के ब्यूरो प्रमुख थे। वह इस समूह के अखबारों में नियमित तौर पर आलेख लिखते थे।

उन्होंने कहा, ‘उनके कुछ आलेखों का अनुवाद मराठी में भी होगा।’ ‘लोकमत’ से नैयर का करीबी जुड़ाव याद करते हुए रायकर ने कहा कि वह औरंगाबाद में अखबार की शुरूआत के मौके पर अतिथि के तौर पर आए थे।

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