उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी समय समय पर इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त करते रहे हैं। विहिप मांग करती है कि मामले की भीषणता को समझते हुए केंद्र व राज्य सरकारें लव जिहाद रोकने हेतु सशक्त कानून बनाएं।’’ जैन ने कहा कि विहिप ने संज्ञान में आए इस प्रकार के 170 मामलों की सूची बनाई है जो पिछले 8-10 सालों से संबंधित है। उन्होंने सूची जारी करते हुए समाज से भी अपील की कि वह ऐसी घटनाओं के प्रति चौकन्ने रह कर उन्हें रोकने के लिए संविधान सम्मत कदम उठाएं।