By अभिनय आकाश | Jun 10, 2019
पश्चिम बंगाल। कई समुद्र नहीं, कोई हवा नहीं कोई भंवर नहीं लेकिन पश्चिम बंगाल की राजनीति में तूफान आया हुआ है। लोकसभा चुनाव के दौर से ही जमीन बचाने और बनाने की लड़ाई बने बंगाल की सियासत अब राजनीतिक वर्चस्व की आग में झुलस रही है। बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच के टकराव से पूरे सूबे में तनाव का माहौल है। जिसको लेकर गृह मंत्रालय की विशेष बैठक चल रही है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों की सुरक्षा पर चर्चा हो रही है।
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खबरों के अनुसार बंगाल में लगातार हो रही हिंसा पर भी इस बैठक में चर्चा हो रही है। आज गवर्नर केशरीनाथ त्रिपाठी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। समझा जा रहा है कि वह सूबे में हिंसा पर पीएम को रिपोर्ट सौपेंगे। राज्य में टीएमसी-भाजपा के हिंसक टकराव से राज्य में पैदा हुई चिंताजनक स्थिति पर गंभीरता दिखाते हुए गृह मंत्रालय ने लोकसभा चुनाव के बाद भी हिंसा की आशंका जताते हुए एडवाइज़री जारी की थी। हालांकि, बंगाल सरकार इसे नकार रही है और कह रही है कि राज्य के हालात काबू में हैं।
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गौरतलब है कि बशीरहाट में बीते दिनों अंतिम दर्शन के लिए पार्टी कार्यालय ले जाए जा रहे शवों को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस पर मनमानी करने का आरोप लगाकर भाजपा काला दिवस मना रही है। बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य के हालात की तुलना कश्मीर से की है। बता दें कि उत्तर 24 परगना में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच भगवा झंडे को हटाने के लिए झड़प हुई। जिसमें अबतक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 5 भाजपा व 3 टीएमसी कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं।