By अनन्या मिश्रा | Jul 05, 2025
बता दें कि 05 जुलाई की शाम 06:59 मिनट पर देवशयनी एकदाशी तिथि की शुरूआत होगी। वहीं 06 जुलाई की रात 09:16 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। इसी दिन से चतुर्मास की शुरूआत होगी। वहीं 07 जुलाई 2025 को एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा।
पुराणों में देवशयनी एकदाशी का महत्व विशेष बताया गया है। बताया जाता है कि इस तिथि से भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। करीब 4 महीने भगवान विष्णु विश्राम करते हैं, इसलिए इसको चतुर्मास कहा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम जैसे शादी और मुंडन आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। इन 4 महीनों तक भगवान शिव धरती का संचालन करते हैं।
इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसलिए सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
अब श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और जगत का पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते के भोग लगाएं।
फिर देवशयनी एकदाशी व्रत कथा का पाठ करें और आखिरी में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें।
एकादशी के दिन जो लोग व्रत करते हैं या नहीं करते हैं, उनको इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी व्रत पर फलाहार करें।