चुनाव कोई भी हो, परली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव जबर्दस्त खींचतान से भरा और संघर्षपूर्ण रहता है। चुनावों में सफलता और नाकामी का गणित दो बहन-भाई और मुंडे परिवार के लोगों के साथ जोड़कर देखा जाता है। राज्य की ग्रामीण विकास तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के आमने-सामने होने की वजह से इस विधानसभा सीट एक बेहद ही रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा जहां पंकजा मुंडे का मुकाबला उनके चचेरे भाई और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे से होगा। दोनों के बीच लड़ाई केवल विधानसभा सीट के लिए नहीं है, बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेता (दिवंगत) गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को लेकर भी है। 2009 तक, धनंजय अपने चाचा के निर्वाचन क्षेत्र के कार्यों की देखरेख कर रहे थे। लेकिन जब गोपीनाथ मुंडे ने संसद के लिए चुने जाने पर अपनी बेटी को विधानसभा चुनाव के लिए नामित किया तब दोनों के बीच मतभेद पैदा हो गए। चाचा-भतीजे में दूरी इतनी बढ़ गई कि धनंजय ने राष्ट्रवादी पार्टी का दामन थाम लिया। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में धनंजय मुंडे अपनी बहन पंकजा के खिलाफ मैदान में उतरे, लेकिन पंकजा ने उन्हें 25,895 वोट से पराजित कर दिया। बाद में पंकजा को राज्य सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया। उधर, राकांपा ने भी धनंजय मुंडे को विधान परिषद में विपक्ष का नेता बनाते हुए मजबूती प्रदान की।
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चव्हाण की राह कितनी आसान?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भोकर सीट से मैदान में उतरे हैं। अशोक चव्हाण की पत्नी अमिता अशोकराव चव्हाण यहां से विधायक हैं। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में अमिता चव्हाण भारी मतों से जीती थीं। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार डॉ माधवराव भुजंगराव को हराया था। अमिता चव्हाण को 100781 वोट मिले थे। भोकर सीट दरअसल नांदेड़ जिले और लोकसभा क्षेत्र में आती है। भोकर सीट पर कांग्रेस 8 बार चुनाव जीती है जबकि एनसीपी एक बार और निर्दलीय 2 बार जीते हैं। नांदेड़ लोकसभा सीट से ही जीतकर अशोक चव्हाण के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री शंकर राव चव्हाण संसद तक पहुंचे थे। अशोक चव्हाण नांदेड़ लोकसभा सीट से सांसद भी रहे हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद अशोक चव्हाण ने बीजेपी के दिगंबर बापूजी पाटिल को चुनाव हराया था। लेकिन साल 2019 के लोकसभा में अशोक चव्हाण हार गए थे।
नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट
महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस नागपुर साउथ वेस्ट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र की सत्ता के शिखर पर पहुंच चुके फडणवीस के सामने सत्ता बरकरार रखने के साथ ही शिखर पर खुद को बनाए रखने की भी चुनौती है। यहां अभी तक दो बार हुए विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडनवीस ने कब्जा जमाया है। साल 2009 विधानसभा चुनाव में देवेंद्र फडनवीस ने कांग्रेस के उम्मीदवार विकास पांडुरंग ठाकरे को हराया था। वहीं साल 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान फडनवीस ने अपने जीत के अंतर में इजाफा करते हुए सीएम की कुर्सी तक का सफर तय किया था।