अफगानिस्तान में शांति की पहल उसके नेतृत्व और नियंत्रण में शुरू हों: कोविंद

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 24, 2017

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया और कहा कि शांति बहाल करने की सभी तरह की पहल का नेतृत्व एवं नियंत्रण अफगानिस्तान के हाथों में ही होना चाहिए। कोविंद ने काबुल, कंधार, गजनी और पख्तिया प्रांत सहित अफगानिस्‍तान में हाल में हुए आतंकी हमलों की निंदा की जिनमें 200 से अधिक निर्दोष मारे गए। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत भी दशकों से राज्य प्रायोजित और सीमा पार से होने वाले आतंकवाद से पीड़ित है।

उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्‍तान के नागरिकों द्वारा उनके देश में शांति बनाये रखने के प्रयासों के प्रति हमारी पूरी सहानुभूति है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी वक्तव्य में राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया, ‘‘ भारत का मानना है कि अफगानिस्तान में शांति कायम करने के लिए जो भी कदम उठाए जाएं वह अफगानिस्तान के नेतृत्व और नियंत्रण में होने चाहिए। ’’ कोविंद ने कहा कि अफगानिस्तान को आर्थिक सुधार और विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए निरंतर शांति और सुरक्षा कायम करना महत्वपूर्ण कारक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से अफगानिस्तान के लोगों पर सोचविहीन और निरर्थक हिंसा थोपी जा रही है।’’

उन्होंने गनी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कठिन समय में अफगानिस्‍तान का कुशल नेतृत्‍व किया। उन्‍होंने भारत और अफगानिस्‍तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने के लिए भी गनी की प्रशंसा की। राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत के लिए अफगानिस्‍तान न केवल एक रणनीतिक साझेदार है बल्कि स्‍नेह का प्रतीक भी है। उन्‍होंने वर्ष 2016 में अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया शिखर सम्‍मेलन में गनी के भाषण और स्‍वर्ण मंदिर की उनकी यात्रा का स्‍मरण किया। उन्‍होंने कहा कि सामाजिक संबंध और लोगों के आपसी संपर्क से हमारी मित्रता को मजबूत आधार मिला है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि हाल ही में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि नई दिल्‍ली में आयोजित भारत-अफगानिस्‍तान व्‍यापार और निवेश प्रदर्शनी से हमारे कारोबारी एकजुट हुए और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर से भी अधिक का कारोबार किया। राष्‍ट्रपति ने कंधार और काबुल तथा दिल्‍ली के बीच एयर फ्रेट कॉरिडोर शुरू होने पर प्रसन्नता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान के मजार-ए-शरीफ और हैरात शहर सीधे हवाई मार्ग के जरिए दिल्‍ली से जुड़े हुए हैं।

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