By अनन्या मिश्रा | Apr 29, 2025
क्या है बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग
बता दें कि बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग एक ट्रेडिशनल डिग्री कोर्स है, जोकि इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल और बेसिक कॉन्सेप्ट पर फोकस करता है। बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग में स्टूडेंट्स को थ्योरी बेस्ड नॉलेज अधिक दी जाती है। जिससे कि स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग के बेसिक प्रिंसिपल्स को अच्छे से समझ सकें। वहीं इस कोर्स में प्रैक्टिकल और लैब वर्क भी होते हैं। लेकिन इस कोर्स की थ्योरी की गहराई अपेक्षाकृत अधिक होती है।
जानिए क्या है बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी
यह कोर्स प्रैक्टिकल और एप्लिकेशन-ओरिएंटेड डिग्री है। इसमें तकनीकी पहलुओं पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस कोर्स में इंडस्ट्री में चलने वाले ट्रेंड्स, नई टेक्नोलॉजी और रियल टाइम प्रोजेक्ट्स आदि पर फोकस किया जाता है। इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार बीटेक कोर्स डिजाइन किया जाता है। जिससे कि स्टूडेंट्स सीधे तौर पर जॉब रेडी बन सकें।
जानिए दोनों कोर्स में क्या है अंतर
बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स थ्योरी और फंडामेंटल्स पर अधिक केंद्रित होता है। वहीं बीटेक में इंडस्ट्री स्किल्स और प्रैक्टिकल नॉलेज पर ध्यान दिया जाता है।
वहीं बीई कोर्स में एकेडमिक और रिसर्च बेस्ड स्टडी अधिक की जाती है। वहीं बीटेक में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और प्रोजेक्ट वर्क पर अधिक फोकस होता है।
बीई का सिलेबस थोड़ा ट्रेडिशनल होता है और बीटेक का सिलेबस इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से बार-बार अपडेट होता रहता है।
कौन सा कोर्स है ज्यादा बेहतर
अगर आपका इंट्रेस्ट इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल्स को गहराई से समझने में और फ्यूचर में रिसर्च या फिर हायर एजुकेशन किए जाने में हैं, तो बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स आपके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है। वहीं अगर आप पढ़ाई के फौरन बाद किसी टेक्निकल जॉब में जाना चाहते हैं इंडस्ट्री में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो फिर बीटेक कोर्स आपके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा।
बता दें कि बीई और बीटेक दोनों ही डिग्रियां इंजीनियरिंग की फील्ड में समान मान्यता प्राप्त है। इन दोनों कोर्स में फर्क सिर्फ कॅरियर गोल्स और पढ़ाई के तरीके में होता है। ऐसे में सही कोर्स का चुनाव करके आपके लक्ष्य, इंट्रेस्ट और पढ़ाई के प्रति नजरिए पर निर्भर करता है।
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