राजकीय अंतिम संस्कार के साथ होगी वार्न की अंतिम विदाई, एमसीजी में एक स्टैंड होगा उनके नाम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2022

मेलबर्न,  आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शनिवार को घोषणा की कि दिग्गज स्पिनर शेन वार्न का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा, जबकि देश के क्रिकेट बोर्ड ने इस महान खिलाड़ी के सम्मान में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) के एक स्टैंड का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया। क्रिकेट जगत के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक वार्न का शुक्रवार को थाईलैंड में निधन हो गया था। माना जा रहा है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा। मॉरिसन ने कहा कि वार्न के आकस्मिक निधन ने आस्ट्रेलियाई सकते में हैं तथा संघीय और विक्टोरिया सरकार, क्रिकेट आस्ट्रेलिया और उनके परिवार द्वारा ‘हमारे सर्वकालिक महानतम क्रिकेटरों में से एक’ का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।


मॉरिसन ने कहा, वार्न की राष्ट्रीय उपलब्धियों को देखते हुए उनके परिवार के पास राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की पेशकश की जाएगी। यह वार्न के परिवार के साथ परामर्श से किया जाएगा। इस बीच एमसीजी (मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड) में ग्रेट सदर्न स्टैंड का नाम भी वार्न के नाम पर रखने का फैसला किया गया। विक्टोरिया के पर्यटन और खेल मंत्री मार्टिन पाकुला ने विक्टोरिया के प्रधानमंत्री डैनियल एंड्रयूज, एमसीसी ट्रस्ट के अध्यक्ष स्टीव ब्रैक्स और एमसीसी के सीईओ स्टुअर्ट फॉक्स के साथ परामर्श करने के बाद शनिवार की सुबह यह घोषणा की।


पाकुला ने कहा, हम ग्रेट सदर्न स्टैंड का नाम बदलकर एसके वार्न स्टैंड रखेंगे और हम जितनी जल्दी संभव हो, ऐसा करेंगे। वार्न ने अपना 700वां विकेट एमसीजी पर ही लिया था। इसके अलावा उन्होंने इस मैदान पर हैट्रिक भी बनायी थी। स्टेडियम के बाहर इस दिग्गज की प्रतिमा पहले से लगी हुई है। वार्न को श्रद्धांजलि देने के लिये लोग उनकी प्रतिमा के आसपास एकत्र हुए और वहां पर पुष्प, क्रिकेट की गेंद, बियर, सिगरेट आदि चढ़ाये।


क्रिकेट विक्टोरिया भी वार्न के सम्मान में जंक्शन ओवल में एक स्टैंड का नाम बदलने की योजना बना रहा है। मॉरिसन ने वार्न को याद करते हुए वह हमारे देश के सबसे महान लोगों में से एक थे। उनका हास्य, उनका जुनून, उनकी बेपरवाही, उनकी सहजता ने सुनिश्चित किया कि उन्हें सभी का प्यार मिले।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शेन जैसा कोई नहीं था। उन्होंने अपना जीवन अपने तरीके से जिया। उनकी उपलब्धियां विशिष्ट थी, लेकिन उन्हें कुछ चीजों के लिये पछतावा भी था। वे इनके साथ ही आगे बढ़े।

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