'राष्ट्रहित सर्वोपरि' के संकल्प के साथ करें अंग्रेजी नव वर्ष 2026 का स्वागत

By दीपक कुमार त्यागी | Dec 31, 2025

देश व दुनिया में अंग्रेजी नव वर्ष 2026 के स्वागत की जबरदस्त धूम मची हुई है, इस धूम-धाम को हम लोगों का जोशो-खरोश और चार-चांद लगाने का काम कर रहा है। हम सभी लोग नयी उम्मीद, नयी उमंग, नये विचार, नये संकल्प के साथ अपने-अपने अंदाज व तौर-तरीकों से अंग्रेजी नव वर्ष 2026 का हर्षोल्लास से स्वागत कर रहे हैं। हम लोग आशा कर रहे हैं कि नव वर्ष में शक्तिशाली राष्ट्र के सपने को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार धरातल पर तेज़ी से काम करेंगी, लेकिन हम लोगों को यह भी ध्यान रखना चाहिए की यह कार्य हम देशवासियों के द्वारा राष्ट्रहित सर्वोपरि के संकल्प के बिना पूरा नहीं हो सकता है, हम जिस तरह से अपने हितों के प्रति जुनून के साथ समर्पित रहकर उनकी रक्षा करते हैं, उसी भाव से हमें नियम-कायदे-कानून में रहकर राष्ट्र के प्रति भी समर्पित भाव से रहना होगा, तब ही सशक्त विकसित भारत का निर्माण होगा।


वैसे भी अब देश में हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को अंग्रेजी नव वर्ष की शुरुआत नये संकल्प के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से करते हैं। क्योंकि हम लोग मानते हैं कि पिछले वर्ष के दुख-दर्द भूलकर के खट्टी-मीठी यादों से सबक लेकर के अंग्रेजी नव वर्ष को पूरे हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाएं, हम सभी चाहते हैं कि इस नव वर्ष में हम अपने सभी सपनों को पूरा करें, अपनी व अपनों की झोलियों को खुशियों से भर देने का संकल्प लेकर उसके लिए तय रणनीति के अनुसार जीवन पथ पर कार्य करें। हम चाहते हैं कि बीते हुए समय पर विचार व आत्ममंथन करते हुए, नए लक्ष्य निर्धारित करते हुए, भविष्य में आने वाले जीवन को नयी दिशा देने वाले हर सकारात्मक अवसर को हर हाल में अपनाएं। हम लोग अपनी  आकांक्षाओं, संकल्पों के साथ ही नव वर्ष के इस विशेष अवसर को विभिन्न तरीकों से मनाने का कार्य करते हैं। लेकिन उपरोक्त भावों में अगर हम लोग हर वर्ष राष्ट्रहित सर्वोपरि के संकल्प को भी जोड़ लें तो देशवासियों के जीवन में चार-चांद लग सकते हैं, हम जल्द ही अपने सपनों के विकसित भारत का निर्माण कर सकतें हैं। 

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वैसे तो नव वर्ष पर दुनिया भर के लोग एक नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का स्वागत करते हैं, लेकिन साथ ही हम लोग बीते हुए कल की कड़वी यादों से सीख लेकर के एक नई शुरुआत भी करने का सकारात्मक प्रयास करते हैं और उम्मीद करते हैं कि बीते हुए कल को पीछे छोड़कर के एक नए सिरे से जीवन शुरू करने के लिए सभी आवश्यक आत्म-सुधार के संकल्पों के साथ नव वर्ष का स्वागत करें, हमें यही सिद्धांत राष्ट्रहित की रक्षा के लिए भी लागू करने चाहिए, वैसे भी देखा जाए अंग्रेजी हो या हिन्दू नव वर्ष यह अवसर हम सभी लोगों को सुख-शांति, धन-धान्य, स्वास्थ्य और जीवन पथ पर सफलता की आशाओं के साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का कार्य अवश्य करता है। हम लोगों के द्वारा नव वर्ष मनाने का समय व रीति-रिवाज तो अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके मूल भाव पर गौर करें तो अधिकांश लोगों के लिए यह व्यक्तिगत जीवन में आनंद और व्यक्तिगत विकास के लिए की लिए रणनीति बनाकर के वर्ष भर उस रणनीति पर काम करने की शुरुआत का एक बेहतरीन अवसर होता है, बस हम लोगों को इस रणनीति में अब राष्ट्रहित सर्वोपरि के संकल्प को और जोड़ना है, जीवन पथ पर लक्ष्यों को तय करते हुए अब वह समय आ गया है कि जब हम राष्ट्रहित सर्वोपरि के संकल्प के साथ नव वर्ष की शुरुआत करें। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में आम लोगों की डिक्शनरी व आचरण से राष्ट्रहित सर्वोपरि दूर की बात होता जा रहा है, राष्ट्रहित पर व्यक्तिगत हित बहुत तेज़ी से हावी होते जा रहे हैं, लोग अपने क्षणिक लाभ के लिए राष्ट्र की बहुमूल्य संपदा, अमन-चैन, भाईचारे तक को दांव पर लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं, इसलिए अब वह समय आ गया है कि जब हम राष्ट्रहित सर्वोपरि के संकल्प के साथ नव वर्ष की शुरुआत करें। आज अंग्रेजी नव वर्ष 2026 के अवसर पर मैं अपनी चंद पंक्तियों के माध्यम से आप सभी सम्मानित देशवासियों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं -


"नववर्ष में प्रभु श्रीराम की कृपा से पूरी हों सभी आस,

नववर्ष बने खास तेजी से बढ़ें हमारा आत्म-विश्वास,

जीवन पथ पर सफल हों हमारा हर अच्छा प्रयास,

जीवन पथ की राहों में ना रहे मुश्किलों का वास,

हल पल परिपूर्ण रहें सकारात्मक ऊर्जा के साथ,

हमेशा बना रहें घर व दिल में प्रभु श्रीराम का वास।"


उपरोक्त चंद पंक्तियों से मैं अंग्रेजी नववर्ष 2026 की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं और यह उम्मीद करता हूं कि इस नव वर्ष में हम सभी लोग राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानेंगे और आपसी वैमनस्य को भूलकर के फिर से एकजुट होकर के अपने जीवन की एक नई पारी की शानदार शुरुआत करते हुए देश निर्माण के लिए दिन-रात एकजुट होकर के कार्य करेंगे और देश का परचम पूरी दुनिया में लहराएंगे, वर्ष 2026 में हम देश में एक ऐसा बेहद शानदार सकारात्मक माहौल बनायेंगे, जिसमें हर तरफ खुशहाली ही खुशहाली हो और जिसके दम पर भारत विकसित राष्ट्र बनकर जल्द विश्वगुरु बन सकें। इस उम्मीद के साथ ही मैं नव वर्ष की इस पावन बेला पर प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि उम्मीदों के नव वर्ष 2026 में वह प्रत्येक देशवासी की झोली को खुशहाली से भर दें और देश में रामराज्य की अवधारणा को धरातल पर जल्द से जल्द साकार कर दें।


- दीपक कुमार त्यागी

अधिवक्ता, स्तंभकार, राजनीतिक विश्लेषक व स्वतंत्र पत्रकार 

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