West Bengal: Mamata Banerjee का दावा, वोटों की खातिर भाजपा ने फिर से शुरू किया CAA का रोना

By अंकित सिंह | Jan 29, 2024

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव करीब आते ही पार्टी ने वोटों की खातिर फिर से "सीएए-सीएए" रोना शुरू कर दिया है। सोमवार को पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, "हमने एनआरसी के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। राजबंशी भारत के नागरिक हैं। उन्होंने वोट के लिए फिर से सीएए, सीएए चिल्लाना शुरू कर दिया है।" उन्होंने कहा कि कृपया अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करायें। ताकि दिल्ली को आपको राज्य से बाहर करने का मौका न मिल सके। 

 

इसे भी पढ़ें: ममता और नीतीश के बाद अब कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में नजर आ रहे हैं अखिलेश यादव


बनर्जी की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के रविवार को उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) एक सप्ताह में पूरे देश में लागू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सभी कॉलोनियों को "स्थायी पते" के रूप में स्वीकार किया है और विभिन्न राज्य सरकार के लाभों का लाभ पाने वाले सभी निवासी देश के नागरिक हैं। आप सभी नागरिक हैं। हमने सभी कॉलोनियों को स्थायी पते दे दिए हैं। उन्हें राशन मिलता है, स्कूल जाते हैं, छात्रवृत्ति मिलती है, किसान बंधु, शिक्षाश्री, ओइकोश्री, लक्ष्मीर भंडार मिलते हैं। यदि वे नागरिक नहीं होते तो उन्हें ये लाभ कैसे मिल सकते थे? यदि वे नागरिक नहीं होते तो क्या वे वोट डालने में सक्षम होते?


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि वह किसी विशेष भगवान की पूजा करने के भाजपा के किसी भी आदेश का पालन नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं रामायण, कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब का अनुसरण करती हूं...मैं गरीब लोगों के घर जाने के बाद बाहर से आया खाना खाकर नाटक नहीं करती।’’ उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बीएसएफ से पहचान पत्र स्वीकार नहीं करने की चेतावनी देते हुए आरोप लगाया कि इससे वे एनआरसी के दायरे में आ सकते। 

 

इसे भी पढ़ें: ‘Bharat Jodo Nyay Yatra’ दो दिन के विश्राम के बाद आज फिर होगी शुरू, बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से होगी शुरूआत


नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए का उद्देश्य सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है - जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं - जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से चले गए और पहले भारत आए। 31 दिसंबर 2014. दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए के पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 

प्रमुख खबरें

पवन सिंह को लॉरेंस बिश्नोई ने धमकी नहीं दी, गैंगस्टर हरि बॉक्सर ने कहा- हम तो उन्हें जानते तक नहीं

ED ने महाराष्ट्र में ISIS से जुड़े मॉड्यूल के 40 से अधिक ठिकानों पर की छापेमारी, 9.7 करोड़ रुपये जब्त

Delhi AQI: गंभीर स्थिति में पहुंची दिल्ली की वायु गुणवत्ता, CAQM ने लगाया GRAP 4

Goa Nightclub Fire Tragedy : नियमों की अनदेखी पड़ी भारी, गोवा के दो नाइट क्लब सील