By अनन्या मिश्रा | Apr 15, 2025
दरअसल, आज हम आपको CA, CS और CMA के बीच के डिफरेंस से लेकर अन्य सभी जरूरी डिटेल्स के बारे में बताने जा रहे हैं। बता दें कि यह तीनों ही कोर्स फाइनेंस, अकाउंटिंग और मैनेजमेंट से जुड़े होते हैं। CA, CS और CMA का तरीका, काम और सैलरी सबकुछ अलग होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको CA, CS और CMA कोर्स के बीच के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही यह भी जानेंगे कि इनमें से कौन सा कोर्स बेहतर कॅरियर साबित हो सकता है।
चार्टेड अकाउंटेंट
चार्टेड अकाउंटेंट कॉमर्स स्ट्रीम के पॉपुलर और चैलेंजिंग कोर्सेज में से एक है। यह कोर्स ऑडिट्स, टैक्स मैनेज करने और फाइनेंस की नॉलेज देता है। अगर कोई स्टूडेंट CA का कोर्स करना चाहता है, तो उसको ICAI में एडमिशन लेना होगा।
कोर्स का स्ट्रक्चर
इस कोर्स को पूरा करने के लिए उम्मीदवार को तीन स्टेज क्लियर करने होते हैं।
इसमें पहला स्टेज फाउंडेशन होता है और इसको एंट्री-लेवल स्टेज भी कहा जाता है। इस कोर्स के लिए 12वीं के बाद एग्जाम दिया जाता है।
फाउंडेशन लेवल क्लियर करने वाले छात्र इंटरमीडिएट लेवल देते हैं। इसमें फाइनेंशियल और अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स पर ध्यान दिया जाता है।
इस कोर्स को पूरा करने में 4-5 साल का समय लग जाता है और इसमें आर्टिकलशिप भी शामिल होती है।
कंपनी सेक्रेटरी कोर्स
जिन कैंडिडेट्स को लीगल कॉम्पलाइंस, कॉर्पोरेट गर्वनेंस और कंपनी के अन्य मामलों को मैनेज करने में इंट्रेस्ट होता है। यह कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स को ICSI कराता है।
कोर्स का स्ट्रक्चर
CS यानी कंपनी सेक्रेटरी के कोर्स को भी तीन भागों में बांटा गया है। इसका पहला लेवल CSEET होता है और इसके पहले लेवल में कंपनी सेक्रेटरी एग्जीक्यूटिव एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता है। आप इसको एंट्री लेवल एग्जाम भी कह सकते हैं।
इस कोर्स में दूसरा लेवल एग्जीक्यूटिव का होता है। यह पूरी तरह से मैनेजमेंट और कॉरपोरेट लॉ पर आधारित होता है।
CS में तीसरा लेवल प्रोफेशनल होता है। जिसमें सेक्रेटेरियल प्रेक्टिस, कॉरपोरेट गर्वनेंस और लॉ जैसे एडवांस टॉपिक होते हैं। तीसरे लेवल में 21 महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग होती है। इस कोर्स में ट्रेनिंग के दौरान किसी कॉरपोरेट में काम करता होता है।
इस कोर्स को करने में करीब 3 साल का समय लग जाता है। इसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी शामिल होता है।
सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट
CMA का कोर्स पूरी तरह से मैनेजमेंट अकाउंटिंग और कोस्ट मैनेजमेंट फोकस करते हैं। CMA एक्सपर्ट कोस्ट कंट्रोल, फाइनेंस और बजट से जुड़े फैसलों को लेने में सहायता करते हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ कोस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया यानी ICMAI से किया जा सकता है।
कोर्स का स्ट्रक्चर
बता दें कि सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट कोर्स यानी की CMA भी CA और CS की तरह तीन हिस्सों में बंटा होता है।
इसके पहला लेवल फाउंडेशन होता है, और इसमें कोस्ट अकाउंटिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट का इंट्रोडक्शन होता है।
वहीं CMA में दूसरा लेवल इंटरमीडिएट का होता है। जिसमें बजट, कोस्ट एनालिसिस और फाइनेंस डिसिजन मेकिंग पर फोकस किया जाता है।
CMA के फाइनल स्टेज में स्ट्रैटेजिक कोस्ट मैनेजमेंट, अकाउंटिंग मैनेजमेंट और डिसिजन मेकिंग में स्पेशलाइजेशन कराया जाता है। फिर इसमें 15 महीने से लेकर 3 साल तक की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी शामिल है। इसको फाइनल एग्जाम में बैठने से पहले पूरा किया जाता है।
यह CMA का कोर्स भी लगभग 3 साल का होता है।
बेहतर करियर कोर्स
वैसे तो CA, CS और CMA तीनों ही बेहतर कोर्स हैं। लेकिन इन तीनों में CA सबसे ज्यादा चैलेंजिंग और पॉपुलर कोर्स माना गया है। यही कारण है कि इस कोर्स के बाद कैंडिडेट्स के सामने कई कॅरियर ऑप्शन्स खुल जाते हैं। CA का सर्टिफिकेट लेने के बाद कैंडिडेट किसी कंपनी या फिर सेल्फ प्रैक्टिस कर सकता है। लेकिन CS और CMA के पास ऐसा ऑप्शन कम होता है।
Scholarship News and Update in Hindi at Prabhasakshi